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खुशखबरी : राज्य के सरकारी विभागों में होगी बंपर भर्ती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में अगले दो वर्षों के भीतर सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियां होंगी। कुल 72 हजार भर्तियों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती होगी। बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में विपक्ष के अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुदानित स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की मांग अधिक है। इस साल विभिन्न सरकारी विभागों में 36 हजार रिक्त पद भरे जाएंगे, जबकि अगले साल 36 हजार पदों के लिए भर्तियां होंगी। इस तरह दो साल में कुल 72 हजार पदों पर भर्तियां की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, ग्राम विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग और नगरविकास विभाग में भर्तियां की जाएगी। साथ ही एमपीएसी और नॉन एमपीएसी पदों की भर्तियां भी होगी।
हम शेर-बाघ हैं, चूहों से नहीं डरते
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा जोर-शोर से उठाए गए चूहा घोटाले के संबंध में कहा कि चूहा पुराण बेहद मनोरजंक था। मैं आज इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि विपक्ष के नेता को उत्तम पटकथा लेखक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चूहों से डरते नहीं है, क्योंकि वाघ (शिवसेना) और सिंह (भाजपा) एक साथ हैं। हैं। वर्ष 2019 में मिलकर चुनाव जीतेंगे।
प्लास्टिक बंदी पर मिलकर करेंगे काम
कांग्रेस विधायक गोपालदास अग्रवाल द्वारा प्लास्टिक पर लगाई गई पाबंदी को हटाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब ने मिलकर प्लास्टिक पर पाबंदी का फैसला लिया है। प्लास्टिक बंदी की वजह से लोगों की समस्याएं सुलझाने और विकल्प तलाशने के लिए तैयार हैं। हम यह पाबंदी वापस नहीं लेंगे, लेकिन प्रत्येक उद्योग से चर्चा के लिए तैयार हैं। इसके लिए मंत्रिमंडल उपसमिति बनाई गई है जो कामकाज की रुपरेखा तैयार कर विकल्प पेश करेगी।
सीएम ने मंत्रियों को दी क्लीनचिट
मुख्यमंत्री ने अपने सभी मंत्रियों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि श्रम मंत्री संभाजी पाटिल निंगेलकर ने कर्ज नहीं लिया था, बल्कि वे गारेंटर थे। आरबीआई के नियमों के तहत कर्ज का सेटलमेंट किया गया है। सीएम ने कहा कि युवा नेता को बदनाम करना ठीक नहीं है। इसी तरह राज्य के पर्यावरण मंत्री जयकुमार रावल और सुभाष देशमुख पर लगे आरोपों को भी गलत बताया।
नगर विकास विभाग में ई-टेंडरिंग अनिवार्य
उन्होंने कहा कि महानगरपालिका, नगरपालिकाओं में पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है। ई-टेंडरिंग को अनिवार्य बनाया गया है। नगर विकास विभाग में जिस काम के लिए निधि दी गई है, उसी काम के लिए इस्तेमाल होगी। मुख्य अधिकारियों को जवाबदारी सौंपी गई है और तय समय में काम करने की व्यवस्था बनाई गई है। कचरे को लेकर औरंगाबाद का विषय सामने आया। यह सच है कि इस विषय पर जितना ध्यान देना चाहिए, वह हम नहीं दे पाए। यवतमाल के मंडीटोली के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण नहीं होना चाहिए। चाहे वह मंडीटोली हो या दुबे टोली।
Created On :   28 March 2018 9:25 PM IST