गोरेवाड़ा जंगल सफारी शुरू होते ही फिर विवादों में घिरी

Gorewada jungle safari started again in controversy
गोरेवाड़ा जंगल सफारी शुरू होते ही फिर विवादों में घिरी
गोरेवाड़ा जंगल सफारी शुरू होते ही फिर विवादों में घिरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में बंद रही गोरेवाड़ा जंगल सफारी शुरू होते ही फिर विवादों में घिर गई है। महीनों से बंद पड़ी कमाई की भरपाई करने के लिए अब नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग के बाद पर्यटक द्वारा गाड़ी और गाइड का अलग से भुगतान किया जाता है। नियमानुसार इसके लिए पर्यटक को रसीद मिलनी चाहिए, लेकिन गोरेवाड़ा में मांगने के बावजूद बिल नहीं मिल रहा है। पर्यटक को सीधे कहते हैं कि, बिल-वगैरे नहीं मिलता है। कोविड संक्रमण को देखते हुए एक गाड़ी में चार से अधिक पर्यटकों को नहीं बैठाने का नियम लागू किया गया, लेकिन इस नियम की भी धज्जियां उड़ रही हैं। स्थानीय वाहन चालक को अतिरिक्त भुगतान करने पर वे चार की बजाए पांच लोगों को गाड़ी में जगह दे रहे हैं। 

गाइड दे रहे बिना मास्क सेवा
पर्यटकों की बात तो दूर, वाहन और गाइड भी बिना मास्क के थे। इसे लेकर उनकी वाहन चालक के साथ बहस भी हुई, लेकिन किसी ने नियमों का पालन करने की जहमत नहीं उठाई। यह एक उदाहरण मात्र है। ऐसे अनेक किस्से रोजाना होने की चर्चा है। इन किस्सों से गोरेवाड़ा जंगल सफारी में अव्यवस्थाओं की चर्चाओं को बल मिल रहा है। गौरतलब है कि, शहर से 10 किमी दूरी पर स्थित गोरेवाड़ा क्षेत्र में गत कई वर्षों से 15 किमी की जंगल सफारी है। जहां न केवल शहर के, बल्कि दूसरे शहरों से भी पर्यटक आते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण मार्च माह से इसे बंद रखा गया था। संक्रमण दर कम होने पर दिवाली के मौके पर इसे शुरू करने का निर्णय लिया गया। 13 नवंबर से सैलानियों के लिए इसे खोला गया। यहां 4 जिप्सी उपलब्ध हैं। वहीं, निजी वाहनों से भी जंगल सफारी करने का मौका दिया जाता है। सुबह जंगल सफारी की ऑनलाइन बुकिंग एक रात पहले करनी होगी। दोपहर की बुकिंग 12 के पहले करनी पड़ेगी। इस बार जंगल की सैर के लिए आने वालों के लिए कोविड के कारण  कुछ नए नियम लागू किए गए हैं। जिसमें सफारी के पहले तापमान की जांच, मास्क व फेसशील्ड का उपयोग करना अनिवार्य, सैनिटाइजर रखना, 10 साल से कम व 65 से ऊपर के व्यक्ति को सफारी की अनुमति नहीं मिलेगी। वाहन क्षमता से 50 प्रतिशत ही लोग ही जा सकेंगे, लेकिन कमाई के चक्कर में स्थानीय नियमों को ताक पर रख रहे हैं।

बिना बिल के सफारी में भी दे रहे प्रवेश
मजेदार बात यह है कि, कोई भी मास्क नहीं पहन रहा है। टोके जाने पर चालक और गाइड से जवाब मिलता है कि, क्या आपको ही कोरोना हो रहा है क्या? इसका उदाहरण रविवार को सामने आया। पर्यावरणविद् कौस्तभ चटर्जी ने रविवार को गोरेवाड़ा जंगल सफारी की 323 रुपए देकर ऑनलाइन बुकिंग की थी। वहां जाकर गाड़ी और गाइड के लिए 900 और 200 यानी 1100 रुपए का भुगतान किया। बिल मांगने पर मना कर दिया। बिना बिल के ही कौस्तभ चटर्जी पर्यटन के लिए अंदर चल दिए। जंगल में दूसरी गाड़ियों को देखा तो वहां कुछ गाड़ियों में चार की बजाए 5 पर्यटकों को बैठाया गया था। उन्होंने मास्क तक नहीं पहना था।

Created On :   23 Nov 2020 1:13 PM IST

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