महाराजबाग को मिला जीवनदान,सुधार करने मौका मिला

महाराजबाग को मिला जीवनदान,सुधार करने मौका मिला

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  शहर का आकर्षित केन्द्र महाराजबाग की हाल ही में सेट्रल ऑफ जू अथॉरिटी ने मान्यता रद्द की थी। जिसके बाद शहर के वन्यजीव प्रेमियों में निराशा थी, लेकिन अब एक साल तक इसे नहीं हटाया जाएगा। केन्द्रीय पर्यावरण व वन विभाग की ओर से कुछ सुधार करने के लिए प्रशासन को एक साल का समय दिया गया है। जिसके बाद फिर से एक बार समीक्षा होकर आगे का निर्णय लिया जाएगा। ऐसे में अब महाराबाग में वन्यजीवों को देखने का मौका लोगों को और एक साल तक मिलना तय है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य में कुल 9 चिडियाघर है। जिसमें नागपुर के महाराजबाग के साथ मुंबई के वीरमाता जीजाबाई जू ,पुणे का मैना चौधरी जू ,सोलापुर का महात्मागांधी जू , राजीव गांधी जू आदि शामिल हैं। नागपुर का महाराजबाग जू वर्षों पुराना है। नागपुर के लोगों व नागपुर के आसपास रहने वाले ग्रामीण इलाकों के लिए यह आकर्षण का केन्द्र भी है। रोजाना यहां बड़ी संख्या में सैलानी पिंजरे में रखे वन्यजीवों को देखने के लिए पहुंचते हैं।

भालू, तेंदुआ, बंदर, लोमड़ी, घडियाल, कछुआ, सांबर, हिरण  आदि वन्यजीव इन दिनों जू में मौजूद है। जिसे देखना हर किसी को पसंद है, लेकिन दिसंबर माह में यह जू नियमों के बाहर रहने की बात कहते हुए सेट्रल जू अथॉरिटी ने इसकी मान्यता रद्द की थी। जिसके बाद से इसे बचाने के प्रयास जारी थे,कृषि विभाग की ओर से वन विभाग के पास कुछ समय देने की मांग की गई थी। जिसे लेकर 11 मार्च को पर्यावरण व सचिव की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे सुनवाई हुई। जिसमें महाराजबाग के सभी अधिकारियों को बुलाया गया था। दिल्ली में हुई इस सुनवाई में कुछ नियमों को मानने के लिए कहा गया है, जिसमें नागरिकों का यहां सुबह घूमना बंद करें, दस्तावेज नियमों के अनुसार रखें, नियमों में विकास कार्य जल्द से जल्द करें आदि  हैं। एक साल बाद फिर एक बार जू की समीक्षा होगी, यदि फिर से इस  की खामियां सामने आई तो  तो मान्यता रद्द कर दी जाएगी सब कुछ ठीकठाक रहा तो जू को आगे चलने दिया जाएगा।

Created On :   12 March 2019 4:11 PM IST

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