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MP : सरकार ने पचमढ़ी अभ्यारण्य से 11 गांव बाहर किए

डिजिटल डेस्क,भोपाल। राज्य सरकार ने होशंगाबाद जिले की पिपरिया तहसील के अंतर्गत आने वाले पचमढ़ी 11 गांवों को वहां के अभ्यारण्य से बाहर कर दिया है। अब इन गांवों में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के नियम लागू नहीं होंगे। पचमढ़ी अभ्यारण्य से इन 11 गांवों को सशर्त बाहर किया गया है तथा शर्त लगाई गई है कि ऐसे पृथक क्षेत्रों में इकोटूरिज्म को छोड़कर उत्खनन या अन्य औद्योगिक/वाणिज्यिक गतिविधियां अनुज्ञेय नहीं होंगी तथा इन 11 गांवों में राजस्व विभागों की तरह विकास कार्यों के लिए अब राज्य सरकार अलग से विनियम बनाएगी।
इन गांवों को बाहर किया-
पचमढ़ी अभ्यारण से पृथक किए गए गांव हैं - छिर्रई, मेहन्दीखेड़ा, बिण्डाखेड़ा-डबरी, मैली, चिल्लौद, मटकुली, मोहगांव, चंदन पिपरिया, पिसुआ, खारी तथा टेकापार। इन 11 गांवों की कुल भूमि 2 हजार 361.530 हैक्टेयर है।
अब ये गांव रहेंगे पचमढ़ी अभ्यारण्य में-
पचमढ़ी अभ्यारण्य से 11 गांवों को पृथक करने के बाद अब शेष ये 28 गांव अभ्यारण्य में रहेंगे -
पाठई मालगुजारी, पाठई ठेकेदारी, खमखेड़ी-फिफेरी टोला एवं झेला टोला, कांजीघाट, मोंगरा, जामुडोंगा-तेंदूखेडा टोला, घोघरी-नेक्सा टोला, मुआर-मनकछार टोला, सोनपुर, कूकड़ा, नांदनेर, धारगांव, नानकोट, आंजनढाना, नयाखेडा, राईखेडा, पर्रासपानी, बिरजीखापा, धाना-कतिया खेरी, पगारा, बरीआम, चाकर, नांदिया-गुटखेडा टोला, सुपडोंगर, सांकरी तथा चूरना। इन सभी 28 गांवों का कुल क्षेत्रफल 5 हजार 165.680 हैक्टेयर है।
मप्र वन विभाग अपर सचिव संजय मोहर्रिर का कहना है कि स्टेट वाईल्ड लाईफ बोर्ड, नेशलन वाईल्ड लाईफ बोर्ड तथा सुप्रीम कोर्ट की अंतिम अनुमति के बाद पचमढ़ी अभ्यारण से ये 11 गांव बाहर किए गए हैं। अब इनमें भूमि की खरीद-फरोख्त एवं नामांतरण एवं अन्य विकास कार्य हो सकेंगे। ये पृथक गांव पचमढ़ी केन्टोनमेंट बोर्ड में भी नहीं आते हैं।
Created On :   25 Dec 2017 11:31 AM IST