ऑनलाइन पर जोर दे रही सरकार, ऑफलाइन से बिगड़ा RTI सिस्टम

Government emphasis on online but offline rti system impaired
ऑनलाइन पर जोर दे रही सरकार, ऑफलाइन से बिगड़ा RTI सिस्टम
ऑनलाइन पर जोर दे रही सरकार, ऑफलाइन से बिगड़ा RTI सिस्टम

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  केंद्र सरकार का जोर ऑनलाइन सिस्टम पर है। इस दिशा में तेजी से काम भी हो रहा है, लेकिन जिन विभागों का कामकाज ऑनलाइन हुआ, उन विभागों में ऑनलाइन आरटीआई डालकर जानकारी मांगने की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। कामकाज ऑनलाइन और आरटीआई में जानकारी चाहिए तो कार्यालय आओ की नीति पर इन विभागों में काम हो रहा है। आरटीआई कानून के तहत पहले केवल ऑफलाइन के माध्यम से ही जानकारी मिलती थी। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन सिस्टम पर जोर देने के बाद अधिकांश विभागों का कामकाज ऑनलाइन हो गया है।

नागपुर स्थित केंद्र सरकार के विभागों में कामकाज तो ऑनलाइन हुआ, लेकिन आरटीआई की व्यवस्था अभी भी ऑफलाइन ही बनी हुई है। पोस्ट ऑफिस, एजी विभाग, दूरदर्शन, सीजीएचएस, ईपीएफ, आकाशवाणी, एक्स्प्लोजिव, डिफेंस अकाउंट,आर्डिनेंस फैक्टरी में अभी भी नागपुर की जानकारी के लिए ऑनलाइन आरटीआई नहीं किया जा सकता। नागपुर स्तर पर इन विभागों में कब तक ऑनलाइन आरटीआई की व्यवस्था हो सकेगी, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। हालांकि इन विभागों में कामकाज ऑनलाइन हो गया है। केंद्र सरकार के अधीन आनेवाले सीजीएसटी, इनकम टैक्स, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, डीआरटी, नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, आईआईएम, वीएनआईटी समेत दर्जनों कार्यालयों में ऑनलाइन आरटीआई की व्यवस्था है।

डीओपीटी का ध्यान जरूरी है इस पर
केंद्र सरकार के विभागों में कामकाज पर मार्गदर्शक की भूमिका डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एण्ड ट्रेनिंग) की होती है। इन विभागों का कामकाज ऑनलाइन होने के बाद भी नागपुर स्तर पर यहां ऑनलाइन आरटीआई की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है और संबंधित विभाग भी इस दिशा में गंभीर दिखाई नहीं दे रहा।  
-संजय थुल, आरटीआई एक्टिविस्ट नागपुर. 

कम्प्यूटर ऑपरेटर के कांट्रैक्ट पर गहराया संकट
मनपा के कई विभागों में कम्प्यूटर लग चुके हैं, लेकिन सभी विभागों के कर्मचारियों को कम्प्यूटर चलाना नहीं आता है। ऐसे में करीब 150 कम्प्यूटर ऑपरेटरों को काम पर रखा गया है। गुरुवार को उनकी समयावधि बढ़ाने का प्रस्ताव मनपा की स्थायी समिति में रखा गया, जिसे स्थगित कर दिया गया। दरअसल, इन कम्प्यूटर ऑपरेटर की समयावधि 2 मार्च को खत्म होने वाली है। यदि मनपा 150 कम्प्यूटर ऑपरेटर को प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर 24 हजार 864 रुपए के हिसाब से रखती है तो एक साल में 4 करोड़ 47 लाख 55 हजार 200 रुपए खर्च आएगा। यह खर्च न्यूनतम दर के हिसाब से तय किया गया है। वर्तमान में कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या 153 बताई जा रही है।

Created On :   15 Feb 2019 7:15 AM GMT

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