उज्ज्वला योजना में हो रहे व्यवधान पर फिर से विचार करने केन्द्र ने लगाई गुहार

Government has requested the Bombay High Court to reconsider the order
उज्ज्वला योजना में हो रहे व्यवधान पर फिर से विचार करने केन्द्र ने लगाई गुहार
उज्ज्वला योजना में हो रहे व्यवधान पर फिर से विचार करने केन्द्र ने लगाई गुहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से 12 सितंबर को जारी आदेश पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है। दरअसल, कोर्ट ने अपने इस आदेश में सरकार और एलपीजी डीलरों को आदेश दिए थे कि वे प्रदेश में राशनकार्ड धारकों को बगैर उनका राशन कार्ड देखे एलपीजी गैस का कनेक्शन न दें। केंद्र सरकार के अनुसार, हाईकोर्ट के इस आदेश के कारण उनकी उज्ज्वला योजना में व्यवधान हो रहा है। ऐसे में कोर्ट एक बार फिर पुनर्विचार करे। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक सप्ताह में अपनी भूमिका स्पष्ट करने को कहा है। 

नियमों का नहीं हो रहा पालन
दरअसल, बीती सुनवाई में याचिकाकर्ता कडूजी पुंड के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने पक्ष रखा था कि नियमों के मुताबिक एलपीजी कनेक्शनधारकों को केरोसिन नहीं दिया जाना चाहिए। मगर इस नीति का सही पालन न होने से कुछ लोग एलपीजी और केरोसिन दोनों ले रहे हैं। इससे जरूरतमंदों काे केरोसिन नहीं मिल पा रहा। कोर्ट ने यह आदेश इसके बाद जारी किया था। 

स्टैंपिंग की धीमी गति पर सवाल
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लंबे समय तक राशनकार्ड पर स्टैंपिंग न कर पाने वाली राज्य सरकार बीती कई सुनवाई में बैकफुट पर चल रही थी। बीती सुनवाई में राज्य सरकार के विशेष सरकारी वकील अनिल किल्लोर ने हाईकोर्ट में स्टैंपिंग का ब्योरा प्रस्तुत किया था। उन्होंने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि सरकार ने अब तक 1 करोड़ 52 लाख राशनकार्ड पर स्टैंपिंग पूरी कर ली है। स्टैंपिंग के आंकड़ों पर आक्षेप जताते हुए याचिकाकर्ता कडूजी पूंड के अधिवक्ता फिरदौस िमर्जा ने मुद्दा उपस्थित किया कि जनवरी 2017 तक सरकार ने 1 करोड़ 42 हजार कार्ड पर स्टैंपिग पूरी की थी, ऐसे में बीते डेढ़ साल से अधिक समय में सरकार ने महज 10 लाख कार्ड पर स्टैपिंग की। सरकार की मंद गति पर सवाल खड़े किए गए। वहीं राज्य सरकार की ही तरह केंद्र सरकार भी पीछे नहीं है। मौजूदा नीति के कारण केंद्र द्वारा राज्य सरकार को जो केरोसिन का कोटा मिलता है उससे राज्य मंे प्रतिव्यक्ति महज एक लीटर केरोसिन ही लाभार्थियों को मिल पाता है। 

यह है मामला
जनहित याचिका के माध्यम से कडू पुंड ने कोर्ट में राशन कार्ड की स्टैंपिंग को जरूरी बताया था, क्योंकि प्रदेश के कई राशनकार्ड धारक एलपीजी कनेक्शन होने के बावजूद केरोसिन ले रहे हैं और दूसरी तरफ, जरूरतमंदों काे पर्याप्त केरोसिन नहीं मिल पा रहा। ऐसे में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राशनकार्ड स्टैंपिंग करने के आदेश दिए थे। सरकार लंबे समय से स्टैंपिंग कर रही है, लेकिन यह कार्य पूरा नहीं हो पाया है। याचिका में कहा गया है कि नागपुर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में केरोसिन वितरण में असमानता है। सही में जिसे जरूरत है, उसे केरोसिन का लाभ नहीं मिल पा रहा। पूर्व में भी न्यायालय ने ग्रामीण अौर शहरी क्षेत्रों में समान मात्रा में केरोसिन वितरण करने के निर्देश शासन को दिए थे। इसके बाद शासन ने पत्रक जारी कर यह नियम लागू किया था, लेकिन इस फैसले के बाद मुसीबत और बढ़ गई। जहां केरोसिन की उपलब्धता बढ़नी चाहिए थी, उसकी जगह केरोसिन वितरण के कोटे में कटौती कर वर्ष में 36 लीटर प्रति परिवार की दर से वितरण जारी है। 
 

Created On :   11 Oct 2018 6:18 AM GMT

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