संसद से बाहर भी बनते हैं कानून,जनांदोलन जरुरी, नागपुर पहुंची संविधान सम्मान यात्रा

government has started working in opposition to the constitution-Praful Samantra
संसद से बाहर भी बनते हैं कानून,जनांदोलन जरुरी, नागपुर पहुंची संविधान सम्मान यात्रा
संसद से बाहर भी बनते हैं कानून,जनांदोलन जरुरी, नागपुर पहुंची संविधान सम्मान यात्रा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भूमि अधिकार कानून के लिए संघर्ष करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल सामंतरा ने जनांदोलन का आव्हान करते हुए कहा है कि मौजूदा हालात को बदलने के लिए जनता को सामने आना होगा। सरकार संविधान के विरोध में काम करने लगी है। संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। लेकिन यह भी जरुरी नहीं है कि सबकुछ संसद में ही तय हो। संसद के बाहर भी कानून बनते हैं,बने भी हैं। जनआंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के तहत निकाली गई संविधान सम्मान यात्रा शुक्रवार को शहर में पहुंची। इसी सिलसिले में यहां आए श्री सामंतरा प्रेंस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। सामाजिक कार्यकर्ता डा.सुनीलम्, पर्यावरणविद विमलभाई, पर्यावरणविद कृष्णकांत,एड. आराधना भार्गव भी उपस्थित थे।

उड़ीसा में आदिवासियों को भूमि अधिकार दिलाने के लिए गोल्डमैन एन्वायरमेंटल सम्मान 2011 से नवाजे गए श्री सामंतरा ने कहा कि सरकार किसी भी दल की हो वह संवैधानिक अधिकार नहीं दिला पा रही है। संसद व संसद के बाहर जनता की आवाज को दबाने का प्रयास होता है। ऐसे में विषयों को समझकर जनता को आंदोलन करना होगा। संविधान सम्मान यात्रा के तहत 2 अक्टूबर से दांडी से दिल्ली के लिए यात्रा निकली है। इसमें 200 से अधिक संगठन जुड़े हैं। भूमि अधिकार, सूचना का अधिकार, घरेलू हिंसा प्रतिबंधक व धारा 377 से संबंधित कानून संसद के बाहर ही बने हैं। उन्हें संसद में केवल औपचारिक मंजूरी दिलायी गई है। लिहाजा यह मानना ही होगा कि संसद के बाहर भी कानून बनते हैं।

कानून व अधिकार के मामले में सरकार अपनी जिम्मेदारी पर अमल न करें तो जनता को ही सामने आना होगा। डा.सुनीलम ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर आंदोलन की आवश्यकता है। किसान कर्जमुक्ति व कृषि उपज का समर्थन मूल्य के मामले में सरकार की नीति साफ नहीं है। कृष्ष्णकांत ने कहा कि बुलेट ट्रेन को संसद में मंजूरी ही नहीं मिली है। संसदीय कमेटी ने उस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है। किसानाें का विरोध है। फिर भी सरकार परियाेजना थोप रही है। गुजरात में विकास के नाम पर हिंसा होने लगी है। महाराष्ट्र में संविधान सम्मान यात्रा में मेधा पाटकर, गणेश देवी, राम पुनियानी, निखिल वागले, सुरेश सावंत, सुभाष वारे, रजिया पटेल, अभिजीत वैद्य, किशोर बेडकिहाल, मुक्ता दाभोलकर, हमीद दाभोलकर, सुभाष लोमटे, विलास भोंगाडे, सुरेश दलवी, धनाजी गुरव , मानव कांबले, विश्वंभर चौधरी शामिल रहेंगे। 

Created On :   12 Oct 2018 10:21 AM GMT

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