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विस्थापित मजदूरों, सेक्स वर्कर, बेसहारा महिलाओं को बैगर राशन कार्ड के अनाज दे सरकार-HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भूमिहीन मजदूरों, विस्थापित परिवारों, सेक्स वर्कर, बेसहारा महिलाओं, प्रवासी मजदूरों व असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित अन्य वर्ग के लोगों को बिना राशनकार्ड अनाज देने को कहा है। इसके साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करें कि हर जरूरतमंद तक पहुंचने का उसका वादा पूरा हो। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने यह आदेश मूवमेंट फॉर पीस एंड जस्टिस नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है।
याचिका में मुख्य रूप से कोरोना के चलते घोषित लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों की पहचान करने व विस्थापित परिवारों, सेक्स वर्कर, बेसहारा महिलाओं, घुमंतू आदिवासियों को 19 मई 2020 के शासनादेश के तहत बिना राशनकार्ड के अनाज वितरित करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील रोनिता बेक्टर ने कहा कि 19 मई 2020 के शासनादेश के तहत उपरोक्त वर्ग के लोगों को अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
सरकारी वकील ने कहा कि सरकार खाद्य सुरक्षा कानून से जुड़े सारे उपायों व योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर रही है। जिससे सभी तक भोजन पहुंच रहा है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार 19 मई 2020 के शासनादेश को लागू करते समय उन विभिन्न वर्ग के लोगों को भी अनाज देने की दिशा में कदम उठाए जिनका याचिका में उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही सरकार हर जरूरतमंद तक पहुंचने के अपने वादे को पूरा करे। यह कहते हुए खड़पीठ ने याचिका को समाप्त कर दिया।
Created On :   23 May 2020 4:30 PM IST