मराठा समाज की मांगों को लेकर गंभीर है सरकार : देशमुख

Government is serious on demands of Maratha society : Deshmukh
मराठा समाज की मांगों को लेकर गंभीर है सरकार : देशमुख
मराठा समाज की मांगों को लेकर गंभीर है सरकार : देशमुख

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आजाद मैदान में पिछले 12 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे सकल मराठा क्रांति मोर्चे के कार्यकर्ताओं से मंगलवार को सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने मुलाकात की। विपक्ष के नेताओं से पहले ही देशमुख भूख हड़ताल पर बैठे लोगों से मिलने पहुंच गए और उचित फैसले का आश्वासन दिया। इसी दौरान वहां वरिष्ठ NCP नेता अजित पवार और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे भी पहुंचे। बता दें कि भूख हड़ताल कर रहे कई कार्यकर्ताओं को तबीयत खराब होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

सकल मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान देशमुख ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग से जुड़ी जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे और इस पर उचित फैसला लिया जाएगा। देशमुख ने आश्वासन दिया कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपए की मदद देने पर भी जल्द ही फैसला किया जाएगा। छत्रपति शाहू महाराज अनुसंधान प्रशिक्षण व मानव विकास संस्था (सारथी) से सदानंद मोरे को हटाने से जुड़ी मांग को भी मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन देशमुख ने दिया। देशमुख ने कहा कि पिछली सरकारों की वादाखिलाफी के चलते आंदोलनकारियो को हमारी सरकार पर भी पूरा भरोसा नहीं होगा लेकिन आरक्षण को लेकर हमने पूरी गंभीरता से काम किया है। लगातार भूख हड़ताल के चलते कुछ आंदोलनकारियों की तबीयत खराब हो गई है। मराठा क्रांति मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर हड़तालियों के साथ कोई अनहोनी हुई तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

सरकार को रिपोर्ट सौपेगा आयोग

मराठा आरक्षण को लेकर  राज्य पिछडा आयोग अपनी रिपोर्ट बुधवार को राज्य सरकार को सौप सकता है। राज्य में मराठा समुदाय की आर्थिक-सामािजक व शैक्षणिक स्थिति सहित विभिन्न पहलूओं का अध्ययन करके आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। राज्य सरकार को एक निश्चित समय सीमा के भीतर मराठा आरक्षण के विषय में निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए। इस तरह की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने अदालत को बताया था कि आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को 15 नवंबर 2018 तक सौपेगा। इसके बाद सरकार यह रिपोर्ट अदालत में पेश करेगी। इस लिहाज से बुधवार को सरकार को आयोग की रिपोर्ट मिलने की संभावना है।

Created On :   13 Nov 2018 9:58 PM IST

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