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सरकारी जमीन का बंदरबाट, भू-माफिया ने बेची फौजी की जमीन

डिजिटल डेस्क,सतना। शहर में भू-माफिया इतने सक्रिय हो गए है कि किसी की भी जमीन पर कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे। इस बार भू-माफियाओं ने फौजी आशीष सिंह की जमीन पर कब्जा कर उसे बेच दिया। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब आशीष ने जमीन का सीमांकन कराया।
दरअसल पुष्पराज कॉलोनी में भूमाफिया खेल लंबे समय से ये खेल रहे है। भू-माफिया किसी भी जमीन की रजिस्ट्री कराकर किसी और जमीन में कब्जा दिला रहे है। इस खेल में सरकारी अमले की मिलीभगत की भी बात सामने आ रही है। पुष्पराज कालोनी में चल रहे जमीन की हेराफेरी के इस खेल में जमीन कारोबारी रामसिया के परिवार का नाम सामने आ रहा है। रामसिया की एक दूर की महिला रिश्तेदार के पास पुष्पराज कॉलोनी में एक एकड़ के लगभग जमीन थी। उसकी मृत्यु के बाद वारिसाना के आधार पर जमीन के कागज तो हासिल कर लिए लेकिन अधिकांश जमीन पहले से ही लोगों के कब्जे में थी। यह जमीन खाली नहीं हो पाई तो जमीन का कागजी कारोबार शुरू कर दिया। राजस्व अमले से सांठ गांठ कर रजिस्ट्री तो उस महिला से मिली जमीन की कराई गई लेकिन कब्जा जगतदेव तालाब और नजूल पट्टी की अन्य आरजियों में कराया जाने लगा। ऐसी ही जमीन फौजी के परिजनों को भी दिखाई गई लेकिन यह परिवार इसमें कोई निर्माण नहीं कर पाया और दूसरों ने कब्जा जमा लिया।
इसी के चलते जगतदेव तालाब की एक मेड और उसके अगोर के एक बड़े हिस्से में अवैध बस्ती बसा दी गई। लोगों को कागजों में खुद की जमीन बेंची गई और कब्जा सरकारी जमीनों पर दिला दिया। फौजी को भी ऐसे ही जमीन बेंची गई लेकिन उसने जमीन खरीदकर कब्जा नहीं लिया। जब फौजी आशीष जमीन पर कब्जा लेने पहुंचा तो फौजी की जमीन ऐसी जगह निकाल दी गई जहां सड़क है।
दो दिन पहले मामला उछलने पर एसडीएम रघुराजनगर बलवीर रमण ने कलेक्टर नरेश पाल के निर्देश पर तहसीलदार बीके मिश्रा को फौजी की जमीन का पिछले कई महीनों से लंबित पड़ा सीमांकन कराने के लिए कहा था। जब सीमांकन कराया गया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। लोगों का कहना है कि अगर निष्पक्ष जांच हो तो यहां सरकारी जमीन गायब करने के एक बड़े खेल का खुलासा हो सकता है।
Created On :   17 July 2017 11:40 AM IST