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सरकारी जमीन 71.4 करोड़ में बेची

डिजिटल डेस्क, नागपुर। खेती करने के लिए लीज पर दी गई सरकारी जमीन पर ले-आउट डाल कर प्लॉट के रूप में लोगों को बेच दी गई है। इससे नागपुर सुधार प्रन्यास (नासुप्र) को 71 करोड़ 4 लाख 82 हजार 501 रुपए का चूना लगा है। इस प्रकरण में तीन महिलाओं सहित 11 लोगों के खिलाफ वाठोड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया है। प्रकरण में कुछ सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी लिप्त होने की आशंका है।
19.10 एकड़ जमीन दी गई थी
नागपुर सुधार प्रन्यास (नासुप्र) ने वर्षों पहले सीवरेज प्लांट के लिए वाठोड़ा क्षेत्र में जमीन अधिगृहीत की थी। सीवरेज प्लांट बनने के बाद खसरा नं.-157 की शेष 19.10 एकड़ जमीन खेती करने के लिए लीज पर महिपत शेंदरे (65), गजानन शेंदरे (63), यशोदाबाई अंतुजी बोंदरे (67) और सरजाबाई नामदेव बावनकर (57) को दी थी। लीज पर दी गई जमीन के लिए शर्त थी कि यह जमीन न तो किसी को हस्तांतरित कर सकते हैं न ही बेच सकते हैं। इसके अलावा और भी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया था।
इन्होंने की धोखाधड़ी
लीजधारकों के वारिस चंद्रकांत गजानन शेंदरे (45), कमलेश गजानन शेंदरे (40), मंदा गजानन शेंदरे और प्रेमचंद महिपत शेंदरे (48) ने 1 अक्टूबर 2002 से अभी तक उक्त सरकारी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाए और इनके आधार पर लीज पर इस सरकारी जमीन को धर्मदास तेलूमल रामानी (60), शेख मेहमूद शेख मेहबूब (35) और मुकुंद व्यास (63) नामक व्यक्ति को बेच दी। बाद में इन लोगों ने उक्त जमीन पर ले-आउट डालकर कई लोगों को प्लॉट बेच दिए। इस प्रकार आरोपियों ने नासुप्र को 71 करोड़ 4 लाख 82 हजार 501 रुपए का चूना लगा दिया।
ले-देकर चुप करा दिया गया
जमीन को लेकर कई बार विवादन हुआ, लेकिन तत्कालीन पुलिस अधिकारी तथा अन्य विभाग के अधिकारियों को ले-देकर चुप करा दिया गया। इससे मामला फाइलों में वर्षों तक दबा रहा। इस बीच नासुप्र अधिकारी प्रीतेश जगदीश बंसोड़ (36) ने मामले की सुध ली। प्रकरण को गंभीरता से लेकर थाने में शिकायत की। जांच-पड़ताल के दौरान धोखाधड़ी होने का खुलासा हुआ है। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, उपायुक्त मनीष कलवानिया और वाठोड़ा थाने की निरीक्षक आशालता खापरे के आदेश पर उप-निरीक्षक साखरे ने गुरुवार की रात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज िकया। मामले की जांच जारी है।
Created On :   15 Jan 2022 3:04 PM IST