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ट्रॉमा के ICU में सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम का अभाव, मरीजों को हो रही परेशानी

विजय ऋषि, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) स्थित ट्रॉमा केयर सेंटर में अतिदक्षता विभाग (ICU) की सुविधा शुरू तो हो गई है, लेकिन सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं होने से मरीजों की सही देखरेख नहीं हो पा रही है। चूंकि इस सिस्टम के जरिए डॉक्टर एक जगह से ही सभी मरीजों पर नजर रखते हैं, जबकि वर्तमान में डॉक्टर या स्टॉफ को बार-बार मरीजों के बेड-टू-बेड जाना पड़ता है। ऐसे में एक साथ सभी मरीजों पर नजर रखना मुश्किल हो रहा है। लंबे-चौड़े हॉल में बने ICU में कई बेड की व्यवस्था की गई है। यहां स्टॉफ रूम भी नहीं है। इन कमियों की वजह से मरीजों पर असर पड़ता है।
क्या होता है सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम
ट्रॉमा केयर सेंटर के ICU में गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है। यहां कभी भी मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में एक साथ सभी मरीजों पर नजर रखने के लिए सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम होता है, जिससे एक जगह बैठकर डॉक्टर सभी मरीजों पर नजर रखते हैं और जैसे ही किसी मरीज की पल्स के अलावा अन्य स्वास्थ्य बिगड़ने का घटना या बढ़ना दिखाता है, तो डॉक्टर तुरंत उसे उपचार देने के लिए पहुंच जाते हैं।
मेडिकल में भी ऐसी ही स्थिति
मेडिकल के मेडिसिन ICU में भी यही स्थिति है। वहां ICU में 4 अलग-अलग वार्ड बने हैं, जिसमें करीब 25 पलंग और 8 वेंटिलेटर लगे हुए हैं। यहां भी सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है, जिससे मरीज के अचानक बिगड़ते स्वास्थ्य को नोटिस करने के लिए मशीनरी से देख-रेख न करते हुए मरीज के परिजन एवं चिकित्सा स्टाॅफ को देख-रेख करनी पड़ती है।
हर दूसरे मरीज की होती है मृत्यु
ट्रॉमा के सर्जिकल इनटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती हर दूसरे मरीज की मृत्यु होती है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों से स्पष्ट हुआ है कि ट्रॉमा के ICU में भर्ती होने वाले हर दूसरे मरीज की मृत्यु होती है।
Created On :   4 Jun 2018 4:12 PM IST