सरकारी कैलेंडर से गायब फुले पुण्यतिथि व आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

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सरकारी कैलेंडर से गायब फुले पुण्यतिथि व आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र सरकार के वर्ष 2019 के कैलेंडर को लेकर बवाल मचा है। इसमें महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस का उल्लेख नहीं किया गया है। इसे लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कास्ट्राइब कर्मचारी महासंघ ने कैंलेडर   शासकीय कार्यालयों को वापस लेने की मांग की है। वहीं सूचना व जनसंपर्क महासंचालनालय ने वर्ष 2013 से महापुरुषों की सिर्फ जयंती का कैलेंडर में उल्लेख करने का निर्णय लिए जाने से पुण्यतिथि का उल्लेख हटाए जाने की सफाई दी है।

कैलेंडर वापस लेने की मांग
महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सूचना महासंचालनालय की ओर से वर्ष 2019 का कैलेंडर हाल ही में जारी किया गया है। सरकारी कार्यालयों में कैलेंडर का वितरण भी किया गया है। इसमें 28 नवंबर को महात्मा ज्याेतिबा फुले की पुण्यतिथि और 6 िदसंबर को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस का उल्लेख नहीं है। इसे लेकर कास्ट्राइब कर्मचारी संगठन ने आपत्ति जताई है। संगठन का आरोप है कि राज्य सरकार की इस हरकत से पुरोगामी जनता की भावनाएं आहत हुई हैं। इस विषय पर कास्ट्राइब कर्मचारी संगठन ने तत्काल बैठक बुलाकर राज्य सरकर से कैलेंडर वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पारित कर प्रधान सचिव को भेजने का निर्णय लिया है।

संकुचित मनोवृत्ति का परिचय
संगठन के जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने बताया कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर नागपुर शीतसत्र में 6 दिसंबर को विधानमंडल में अभिवादन किया जाता है। सचिवालय में भी डॉ. आंबेडकर को अभिवादन करने की परंपरा है। वहीं कैलेंडर से महापरिनिर्वाण दिवस का उल्लेख हटाकर राज्य सरकार मंत्रालयीन प्रशासन ने संकुचित मनोवृत्ति का परिचय दिया है। इस विकृत मानसिकता की जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कास्ट्राइब कर्मचारी संगठन की मांग है। बैठक में महासंघ महासंघ के अध्यक्ष कृष्णा इंगले, जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे, पूर्व सूचना व जनसंपर्क अधिकारी नरेश मेश्राम, नरेंद्र धनविजय, जालंधर गजभारे, राजकुमार रंगारी, प्रेमदास बागड़े, अजय वानखेड़े, जगन्नाथ सोरते, चंद्रदर्शन भोयर, बबन ढाबरे, अविनाश इंगले, विनोद गजभिये, मिलिंद रामटेके, दिलीप चौरे, अरविंद गणवीर, अशोक राऊत, देविदास हेलोंडे उपस्थित थे।

सरकार का खुलासा : वर्ष 2013 के निर्णय पर अमल
सूचना तथा जनसंपर्क महासंचालनालय की ओर से खुलासा किया गया है कि वर्ष 2013 में सरकारी स्तर पर महापुरुषों की जयंती मनाने का निर्णय लिया गया था। सरकार के निर्णय के अनुसार, कैलेंडर में जयंती का उल्लेख किया जाता है। इस संबंध में सरकार की ओर से शासन निर्णय जारी किया जाता है। सरकार के इस निर्णय के बाद से कैलेंडर में पुण्यतिथि का उल्लेख नहीं किया जाता। इसी पर अमल करते हुए पुण्यतिथि का उल्लेख नहीं किया गया है। महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती का कैलेंडर में उल्लेख किया गया है। इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि अपवाद है। केंद्र सरकार के परिपत्रक के अनुसार इंदिरा गांधी का स्मृतिदिवस "राष्ट्रीय संकल्प दिवस" के रूप में मनाया जाता है, इसलिए उनकी पुण्यतिथि का कैलेंडर में उल्लेख किया गया है। -मीना जोगलेकर, सूचना तथा जनसंपर्क महासंचालनालय, मुंबई

Created On :   7 Jan 2019 11:33 AM IST

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