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महाराष्ट्र : अंतिम वर्ष परीक्षा को लेकर राज्यपाल से चर्चा करे सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश सरकार को राज्य के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से चर्चा करने की सलाह दी है। पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि सरकार को आगे बढ़कर राज्यपाल से समन्वय स्थापित कर परीक्षाओं को लेकर भ्रम की स्थिति दूर करनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल के पास संवैधानिक अधिकार हैं। राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं।
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समिति बनाई थी। समिति ने विद्यार्थियों की परीक्षा लेने के लिए सिफारिश की थी। इसके बावजूद अगर सरकार को परीक्षा नहीं लेनी है तो राज्यपाल से चर्चा करनी चाहिए थी। सरकार को राज्यपाल को बताना चाहिए था कि रिपोर्ट परीक्षा लेन के पक्ष में आई है लेकिन हमें लगता है कि परीक्षाएं नहीं लेनी चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल से चर्चा किए बिना परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी। उससे पहले उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने परीक्षा नहीं लेने की घोषणा की थी। फडणवीस ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा रद्द नहीं हो रही है। विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत विद्यार्थी एटीकेटी के हैं। फिर किन विद्यार्थियों की परीक्षाएं रद्द हुई है। इसका खुलासा सरकार नहीं कर रही है।
गलत बयानी कर रहे पवारः तावडे
वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री विनोद तावडे ने परीक्षाओं को लेकर राज्यपाल पर दिए राकांपा प्रमुख शरद पवार के बयान पर पलटवार किया है। तावडे ने कहा कि पवार से राज्यपाल पर टिप्पणी करने की अपेक्षा नहीं थी। राज्यपाल को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की सही जानकारी है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डिग्री की परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं। जबकि भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के अंतिम समेस्टर के 8 लाख 74 हजार 890 विद्यार्थियों में से 3 लाख 41 हजार 308 विद्यार्थियों को एटीकेटी लगी है। यानि 40 प्रतिशत विद्यार्थियों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
पवार ने राज्यपाल पर की थी टिप्पणी
इससे पहले राकांपा अध्यक्ष पवार ने कहा था कि कोरोना संकट के चलते ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने परीक्षा नहीं लेने का फैसला किया है। यदि राज्यपाल के पास ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज के कुलपति से ज्यादा ज्ञान है तो उनके ज्ञान का आदर करना चाहिए।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।