स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाये सरकार : हाईकोर्ट

Government should increase expenditure on health services: High Court
स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाये सरकार : हाईकोर्ट
स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाये सरकार : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के संविधान ने भले ही समाज में लोगों को समानता व समान अवसर का अधिकार प्रदान किया है लेकिन कोरोना प्रकोप चलते ये बातें सपने जैसी साबित हुई हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के कारण चरमराई देश की अर्थव्यवस्था और इसके कारण हुई प्रवासी मजदूरों की परेशानी पर चिंता व्यक्त करते हुए उपरोक्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा हालात में बड़ी मुश्किल से कोई निकटतम भविष्य में निष्पक्ष समाज के बारे में सोच सकता हैं।   कोरोना का इलाज करने वालों को पर्याप्त पीपीई किट, कोरोना व सामान्य मरीजों को अस्पताल से जुड़ी जानकारी के लिए हेल्पलाइन शुरु करने व कोरोना योद्धाओं को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग से जुड़ी याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को  स्वास्थ्य सेवा व देखभाल से जुड़े बजट व खर्च को बढ़ाने पर विचार करने का निर्देश दिया।  

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति ए ए सैयद की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं उसके मद्देनजर जांच की रफ्तार को तेज किया जाए। सभी मरीजों के इलाज के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए। लोगों को अस्पताल में बेड व डॉक्टर की उपलब्धता के बारे में ताजा जानकारी मुहैया कराई जाए। अब समय आ गया है कि कोरोना के चलते पैदा हुए हालात से हम एक अच्छा सबक सीखें। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि बेड की अनुपलब्धता मरीज को अस्पताल में भर्ती न करने का कारण नहीं बन सकता। लिहाजा जो सिर्फ भय के कारण अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं ऐसे मरीजों की बजाय उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाए जिन्हें वाकई में उपचार की जरुरत है। अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज को प्राथमिकता दी जाए। कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था पर तगड़ा प्रहार किया है। इसने प्रवासी मजदूरों की बेहाल स्थिति को दर्शाया है। इसलिए संविधान ने भले ही सभी को समान अवसर व समानता का अधिकार दिया है लेकिन कोरोना के प्रकोप ने इस अधिकार को स्वप्न बना दिया है।

Created On :   13 Jun 2020 12:00 PM GMT

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