स्कूल बस से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्रि-व्हाट्सएप नंबर करें जारी :हाईकोर्ट

Government should issue toll free-whatsapp number to ongoing complaints related school bus hc
स्कूल बस से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्रि-व्हाट्सएप नंबर करें जारी :हाईकोर्ट
स्कूल बस से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्रि-व्हाट्सएप नंबर करें जारी :हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार स्कूल बस से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्री व व्हाट्सएप नबंर जारी करने पर विचार करे। जिससे अभिभावक क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने और सुरक्षा से जुड़े मानकों का पालन न किए जाने पर परिवहन आयुक्त से शिकायत कर सकें। स्कूल बसों की सुरक्षा पुख्ता किए जाने की मांग को लेकर पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। गुरुवार को न्यायमूर्ति  नरेश पाटील और नितिन सांब्रे की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त सुझाव दिया। 

नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर हो कड़ी कार्रवाई

खंडपीठ ने कहा कि सरकारी अधिकारी हर इलाके और गली में मौजूद नहीं रह सकते हैं, लेकिन ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि नियमों का सख्ती से पालन हो और नियमों का उल्लंघन करनेवालों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़े। खंडपीठ ने कहा कि सरकार अगली सुनवाई के दौरान बताए कि वह ऐसे वाहनों पर कैसे नजर रखेगी। खंडपीठ ने कहा कि हमने कई ऑटोरिक्शा और टेंपो देखे हैं, जिसमें बच्चों को ठूस-ठूस कर भरा जाता है। नियमों के तहत वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जाना चाहिए। इस नियम का सख्ती से पालन हो इसके लिए सरकार एक दस्ता बनाए। यह दस्ता अचानक बसों का निरीक्षण करे और यह देखे की बस में सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन हो रहा अथवा नहीं।

22 जनवरी तक मांगा जवा

खंडपीठ ने कहा कि स्कूल भेजनेवाले अभिभावकों को लगना चाहिए की शाम को उनका बच्चा सुरक्षित घर पर लौटेगा। सरकार स्कूल बसों की सुरक्षा को प्राथमिकता से देखे क्योंकि यह बेहद गंभीर मामला है। खंडपीठ ने कहा कि हादसे के बाद सुरक्षा इंतजाम के बारे में सोचना ठीक नहीं है। इससे पहले खंडपीठ ने कहा कि सरकार अगली सुनवाई के दौरान आकड़ा पेश करे कि राज्य में कितनी स्कूल बसे चल रही है। स्कूल छात्रों को ले जानेवाले वाहनों न्यूनतम व अधिकतम कितने बच्चों बीठा सकते है। वाहन सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करते है की नहीं इस पर नजर रखने के लिए सरकार कौन से कदम उठाएगी। खंडपीठ ने सरकार को यह सारी जानकारी 22 जनवरी तक देने को कहा है।

Created On :   11 Jan 2018 7:22 PM IST

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