फेरीवालों के लिए नीति बनाए सरकारः हाईकोर्ट

Government should make policy for hawkers: High Court
फेरीवालों के लिए नीति बनाए सरकारः हाईकोर्ट
फेरीवालों के लिए नीति बनाए सरकारः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सड़कों पर समान बेचने वालों (फेरीवाले) के लिए नीति बनाए ताकि वे लॉकडाउन के दौरान अपनी जीविका चला सके। हाईकोर्ट ने यह बात सामाजिक कार्यकर्ता मनोज ओसवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कही। 
याचिका में दावा किया गया है कि लॉकडाउन के चलते सड़कों पर खाद्य पदार्थ,खिलौने व कपड़े बेचने वाले लोग आयविहीन हो गए हैं। उनके पास जीविकोपार्जन का कोई जरिया नहीं बचा है। इसलिए सरकार को सड़कों पर सामान बेचने वालों के लिए नीति बनाने का निर्देश दिया जाए। जिससे वे अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति के के तातेड की खंडपीठ के सामने याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यदि होटल व रेस्टोरेंट को अपना कारोबार करने की इजाजत दे दी गई है तो सड़कों पर सामान बेचने वालों को अनुमति क्यों नहीं दी जा रहे हैं? इस पर खंडपीठ ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर व होटल की तुलना उचित नहीं है।खंडपीठ ने कहा कि जैसे प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर कोर्ट का कामकाज शुरु है वैसे ही गैर प्रतिबंधित इलाकों में फेरीवालों को सामान बेचने की अनुमति देने पर विचार हो। सरकार इस विषय पर नीति बनाए। इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि मामले को लेकर सरकार को नीति बनाने व जवाब देने के लिए समय की मांग की। 

मुंबई महानगपालिका ने भी जवाब देने के लिए समय की मांग की।जबकि पुणे महानगपालिका ने कहा कि वह गैर प्रतिबंधित इलाकों में खास दिनों में सड़कों पर सामान बेचने वालों को अनुमति देने पर विचार करेगी। खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को नीति बनाने को कहा और याचिका पर सुनवाई सात जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। 
 

Created On :   20 Jun 2020 11:40 AM GMT

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