सभी जिलों में कोरोना जांच लैब बनाये सरकार - HC

Government to make Corona Testing Lab in all districts as per ICMR standard
सभी जिलों में कोरोना जांच लैब बनाये सरकार - HC
सभी जिलों में कोरोना जांच लैब बनाये सरकार - HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य के ऐसे सभी जिलों में कोरोना की जांच के लिए लैब स्थापित किए जाए जहां इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से तय किए गए मानक पूरे होते हैं। सरकार इस सम्बंध में बिना कोई विलंब किए कदम उठाए।   हाईकोर्ट ने यह निर्देश सामाजिक कार्यकर्ता खलील अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। वर्तमान में राज्य के 12 जिलों में कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। याचिका में मुख्य रुप से रत्नागिरी में कोरोना की जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही रेड जोन से गैर रेड जोन में बढ़ते पलायन को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने दावा किया कि आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जहां रोजाना कोरोना के सौ मामले पाए जाते हैं, ऐसी जगह पर लैब स्थापित करने का प्रावधान है।  इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने कहा कि  सरकार आईसीएमआर के निर्देशों के अनुरुप लैब स्थापित करें। इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील राकेश भाटकर ने कहा कि राज्य भर मे 78 लैब हैं। इसमें से 55 लैब मेट्रोपोलिटन शहरों में है। जिसमें मुंबई में 22, पुणे में 19, नागपुर में 8 और ठाणे में 6 लैब हैं। शेष लैब अन्य जगहों पर हैं। 12 जिलों में कोई लैब नहीं है। 

अत्यावश्यक सेवा से जुड़े लोगों के प्रति मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाएं
इस बीच एक अन्य याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि पुलिस व महानगरपालिका तथा अन्य आवश्यक सेवा से जुड़े लोगों के प्रति मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाया जाए। क्योंकि ये लोग बिना रुके अपने कार्य में लगे हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता चरन भट्ट की ओर दायर इस याचिका में पालघर जिले से मुंबई में अत्यंत आवश्यक सेवा के लिए ड्यूटी पर जाने वाले लोगों की रहने की व्यवस्था मुंबई में ही किए जाने की मांग की गई थी। क्योंकि मुंबई आने जाने वालों की वजह से वसई इलाके में कोरोना संक्रमण फैलने का दावा किया गया था। किंतु खंडपीठ ने सरकार की ओर से लॉकडाउन में दी गई ढील के मद्देनजर याचिका को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि अत्यावश्यक सेवा से जुड़े लोग हर तरह की सावधानी बरत रहे हैं। 
 

Created On :   13 Jun 2020 11:41 AM GMT

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