वित्त आयोग से ज्यादा निधि चाहता है महाराष्ट्र, विदर्भ-मराठवाडा के लिए मांगेंगे 25000 करोड़

Government wants more funds from Finance Commission - 25000 crore for Vidarbha-Marathwada
वित्त आयोग से ज्यादा निधि चाहता है महाराष्ट्र, विदर्भ-मराठवाडा के लिए मांगेंगे 25000 करोड़
वित्त आयोग से ज्यादा निधि चाहता है महाराष्ट्र, विदर्भ-मराठवाडा के लिए मांगेंगे 25000 करोड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा गठित पंद्रहवे वित्त आयोग में महाराष्ट्र को ज्यादा से ज्यादा निधि मिल सके इसके लिए राज्य के वित्त विभाग ने जोरदार तैयारी शुरु की है। दूसरी ओर चौदहवें वित्त आयोग से गत तीन वर्षों के दौरान महाराष्ट्र को केवल 79 हजार करोड़ रुपए ही मिल सके हैं। जबकि 2014 से 2017 के दौरान महाराष्ट्र से करीब साढे नौ लाख करोड़ रुपए बतौर टैक्स वसूल किए गए। 

केंद्र की मोदी सरकार ने ए के सिंह की अध्यक्षता में 15 वे वित्त आयोग का गठन किया है। इस आयोग के सदस्यों शशीकांत दास, अनुप सिंह और अशोक लहरी ने पिछले दिनों महाराष्ट्र का दौरा किया था। वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे में बैठक के बाद आयोग के सदस्य 23 और 24 अगस्त को मुंबई आने वाले थे। लेकिन इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की वजह से देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया था। इस वजह से यह दौरा टल गया था। 

केंद्र सरकार ने 2020 से 2025 के लिए पंद्रहवे वित्त आयोग का गठन किया है। आयोग महाराष्ट्र के लिए अधिक से अधिक निधि देने की सिफारिश करे इसके लिए राज्य के वित्त विभाग ने प्रजेंटेशन तैयार किया है। आयोग को बताया जाएगा कि तेरहवे और चौदहवे वित्त आयोग से राज्य को कितनी रकम मिली और उसका किस तरह इस्तेमाल किया गया। राज्य सरकार की कोशिश है कि राज्य की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, प्रति व्यक्ति आय व शहरीकरण को मापदंड मानते हुए निधि तय कि जाए। महाराष्ट्र सर्वाधिक शहरीकरण वाला राज्य है। राज्य में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है। निधि तय करते इस बात का भी ध्यान रखा जाए। राज्य का वित्त विभाग आयोग के सामने इस तरह की मांग रखेगा।

सूत्रों के अनुसार मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। इसके बावजूद चौदहवे वित्त आयोग में मुंबई के हिस्से ज्यादा कुछ नहीं आ सका था। इस लिए राज्य का वित्त विभाग पंद्रहवे वित्त आयोग से मांग करेगा कि मुंबई के लिए हर साल 10 हजार करोड़ के हिसाब से पांच वर्षों के लिए 50 हजार करोड़ रुपए दिए जाए। साथ हि विदर्भ-मराठवाडा जैसे राज्य के पिछड़े इलाकों के लिए 25 हजार करोड़ रुपए की मांग की जाएगी।    

Created On :   16 Sept 2018 3:17 PM IST

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