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आज से शुरु होगा गोवर-रूबेला टीकाकरण अभियान, स्वाईन फ्लू-डेंगू के लिए बनेगी अध्ययन कमेटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार के निर्देश पर मंगलवार से राज्य में गोवर-रूबेला की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान शुरु किया जाएगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत ने बताया कि 6 सप्ताह के दौरान राज्य के 3 करोड़ बच्चों को यह टीका इंजेक्शन के माध्यम से लगाया जाएगा। सोमवार को विधानभवन स्थित पत्रकार कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डा सावंत ने कहा कि यह अभियान 27 नवंबर से 6 सप्ताह तक चलाया जाएगा। 9 माह से 15 वर्ष तक के किशोरों को यह टीका लगाया जाएगा।
पहले चरण में दो से तीन सप्ताह तक स्कूलों में बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इसके बाद 2 सप्ताह तक आंगनवाड़ी और मोबाईल टीम द्वारा टिकाकरण अभियान चलाया जाएगा। सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर भी यह टीका लगवाया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस टीके से किसी-किसी को थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह टीका पूरी तरह सुरक्षित हैं। दुनिया के 150 देशों में इसका इस्तेमाल हो चुका है। भारत में भी करीब 20 राज्यों में यह टीका लगाया गया है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रदीप व्यास ने बताया कि इस रोग से हर साल देश में करीब 50 हजार लोगों की मौत होती है। महाराष्ट्र में भी सालाना करीब 8 से 10 हजार बच्चों को जान गवानी पड़ती है।
स्वाईन फ्लू-डेंगू पर नियंत्रण के लिए अध्ययन कमेटी बनाएगी सरकार- स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा
राज्य में स्वाइन फ्लू और डेंगू पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक अध्ययन समूह बनाएगी जिसके अनुसंधान और सुझावों के आधार पर उपाय योजना तैयार की जाएगी। सार्वजनिक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री दीपक सावंत ने विधानसभा में यह जानकारी दी। सावंत ने बताया कि इस साल जनवरी से अक्टूबर महीने तक राज्य में 21 लाख से ज्यादा लोगों की जांच के बाद स्वाइन प्लू के 2401 मरीज पाए गए जिनमें से 322 की इलाज के दौरान मौत हो गई। अक्टूबर महीने में ही स्वाइन फ्लू से पीड़ित 232 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था।
कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण, अमीन पटेल, जयकुमार गोरे, हर्षवर्धन सपकाल आदि सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार का ध्यान मौसमी बीमारियों की ओर खींचा था। जवाब में मंत्री सावंत ने बताया कि स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण के लिए 1 लाख 28 हजार से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए हैं। टीके मधुमेह, उच्च रक्तदाब पीड़ितों गर्भवती महिलाओं और स्वास्थ्य कर्मियों को लगाए गए हैं। इसके अलावा मच्छरों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशकों, इल्ली नाशक, गप्पी मछलियां, मच्छरदानी आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में मलेरिया रोकथाम के लिए हर साल दो बार दवाओं का छिड़काव किया जाता है।
मुंबई में मच्छर पैदा करने वालों पर 74 लाख जुर्माना
मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में मच्छर उत्पत्ति नियंत्रण समिति कार्यरत है जो लोगों के घरों में जाकर इस बात की जांच करती है कि कहीं वहां मच्छर पैदा होने की गुंजाइश तो नहीं है। अगर घर में ऐसे ठिकाने हैं जहां मच्छर पैदा हो सकते हैं तो लोगों से जुर्माना वसूल किया जाता है। सावंत ने बताया कि मुंबई में 11298 जगहों पर जांच के बाद नोटिस दी गई है। 778 मुकदमें दर्ज किए गए हैं जबकि 74 लाख 45 हजार 500 रुपए जुर्माना वसूला गया है।
Created On :   26 Nov 2018 9:35 PM IST