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सोयाबीन-कपास की अधिक कीमत देगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता रविकांत तुपकरने किसानों की विभिन्न मांगोंको लेकर राज्य सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बाद जलसमाधि आंदोलन को स्थगित कर दिया है। तुपकर ने मुंबई के अरब सागर में किसानों के साथ जलसमाधि लेने की घोषणा की थी। इसके मद्देनजरमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुपकर के साथ राज्य अतिथिगृह सह्याद्रीमें बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में तुपकर ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को सोयाबीन और कपास का अधिक दाम देने का आश्वासन दिया है। हमने सोयाबीन का दाम खुले बाजारा में प्रति क्विंटल 8500 रुपए और कपास को प्रति क्विंटल12 हजार 500 रुपए स्थिर रखने की मांग की है। इसके लिए राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मुलाकात करेगा। इसके अलावा किसानों का प्रतिनिधिमंडल भी केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेगा। राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार कपास पर लागू 11 प्रतिशत के आयत शुल्क को नहीं हटाएगी। तुपकर ने कहा कि रबी फसल सीजन में किसानों के कृषि पंपों का बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। किसानों को चालू बिजली बिल का केवल न्यूनतम राशि भुगतान करना पड़ेगा। वह न्यूनतम राशि कितनी होगी यह अगले तीन दिनों में सरकार तय करेगी।
बुलढाणा-वाशिम के किसानों को मिलेगी अधिक मदद
उन्होंने कहा कि सरकार ने बुलढाणा और वाशिम के आपदा प्रभावित किसानों के लिए घोषित 157 करोड़ रुपए की मदद राशि में बढ़ोतरी करने का आश्वासन दिया है। सरकार नेफसल बीमा करने वाली कंपनियों द्वारा नुकसान भरपाई की राशि किसानों के बैंक खाते में एक सप्ताह में जमा कराने का वादा भी किया गया है। वहीं लम्पी रोग के कारण मरे जानवरों के मालिकों को 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा।
मदद राशि कर्ज वाले खाते में जमा करने पर होगी कार्रवाई
तुपकर ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों को विभिन्न आपदा के समय दिए जाने वाली राशि को राष्ट्रीयकृत बैंक संबंधित किसान के कर्ज खाते में ट्रांसफर कर देती हैं। सरकार का शासनादेश के होने बावजूद मदद राशि को कर्ज खाते में डाल दिया जाता है। इस पर सरकार ने मदद राशि को कर्ज खाते में ट्रांसफर करने वाली बैंकों के खिलाफ मामला दर्ज करने का भरोसा दिया है। इसके अलावा कृषि कर्ज के लिए सिविल की शर्त खत्म करने का आश्वासन दिया है। तुपकर ने कहा कि फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों में बाड बनाने के लिए राज्य सरकार नई योजना बनाएगी। सरकार नेखेतिहर मजदूरों को बीमा कवच देने के लिए एक महीने में मसौदा तैयार करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि भेड़-बकरी चराने वाले गडेरियोंको गौचर क्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग से चर्चा करके सकारात्मक फैसला लेने का भरोसा दिया गया है। इसके अलावामहिला बचत समूहों की महिलाओं के कर्ज माफ करने के लिए संबंधित विभाग से रिपोर्ट मंगाकर उचित फैसला लेने का आश्वासन दिया गया है। तुपकर ने कहा कि सरकार के आश्वासन के बाद जमसमाधि आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है लेकिन सरकार ने यदि आश्वासन पूरा नहीं किया तो दोबारा आंदोलन किया जाएगा।
Created On :   25 Nov 2022 3:52 PM IST