खेती को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप तैयार करेगी सरकार : शिवराज

Government will prepare a road map to promote farming: Chief Minister
खेती को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप तैयार करेगी सरकार : शिवराज
खेती को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप तैयार करेगी सरकार : शिवराज

डिजिटल डेस्क बालाघाट ।  प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये एक रोडमैप तैयार कर रहे है। जिसमें प्रदेश के हर एक ब्लाक में प्रथम चरण में 5 गांवो को जैविक खेती ग्राम बनाने की योजना है। साथ ही किसानोँ के जैविक उत्पाद को बेचने के लिये नीजी कंपनियो से करार कर उन्हे मार्केट और तैयार जैविक उत्पादो के प्रमाणीकरण के लिये नये लैब स्थापित करने की योजना भी है। यह बात मुख्यमंत्री ने म.प्र. के बालाघाट में अध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर तथा छ.ग. के मुख्यमंत्री रमन सिंह की उपस्थिति में आयोजित जैविक आध्यात्मिक कृषि सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से चर्चा में कही। मुख्यमंत्री ने कहा की वैसे तो जैविक खेती के क्षेत्र में म.प्र. साढ़े 5 लाख हैक्टेयर में जैविक कृषि उत्पादों के उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर है। लेकिन यह संतोषजनक आंकडे नही है क्योकि प्रदेश में लगभग डेढ़ करोड हैक्टेयर से अधिक रकबे में खेती होती है। उन्होने कहा की जैविक खेती को अपनाने तथा प्रचलन में लाने के लिये लोगो को जगारूक बनाना होगा। अत: इस दिशा में तेजी से प्रयास प्रारंभ किये जा रहे है।
शिवराज अपने खेत में भी तैयार करेगे जैविक किटनाशक और खाद
किसानों से चर्चा में म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भास्कर के एक सवाल पर चर्चा करते हुए कहा की उनके खेत के एक हिस्से में गायों का पालन भी होता है उनके पास करिब 122 गायें है। जिसके मूत्र से जैविक किटनाशक तैयार करने के लिये उनकी एक पूना की कंपनी के साथ समझ बनी है जो कि गौ मूत्र के 7 रूपये किलो की दर से क्रय करेगी तथा उनके अनुसार वह उसे 9 रूपये किलो की दर से विक्रय करेगी। जो की जैविक ख्ेाती में रूची रखने वाले किसानों के लिये भी उपयोग में आयेगा।
रासायनिक खेती की बढ़ जाताी है लगत
 उन्होने कहा की प्रदेश में जैविक कृषि के लिये लगने वाली खाद और किटनाशक के निर्माण में कई गौशालएं आगे आयी है। जिसके लिये उन्हे प्रोत्साहित करने का काम सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने आगे पत्रकारो से चर्चा में कहा की केमिकल और फर्टीलाईजऱ के उपयोग के कारण कृषि उत्पादन तो बढ़ता है लेकिन साथ ही उत्पादन लागत भी जिसके चलते अंतत: किसानो को आने वाला शुद्ध लाभ ना के बराबर होता है। जबकि जैविक खेती में शुरूआत में उत्पादन जरूर कम आता है। लेकिन धीरे धीरे यह उत्पादन बढऩे लगता है। कई किसान रासायनिक खेती से अधिक उत्पादन जैविक खेती से कर रहे है। यह देश की ऋषि खेती की परंपरा से जुडा है। जिसे बढ़वा देने की जरूरत है। क्योकि केमिकल का उपयोग कर पैदा हुई उपज हमारे स्वास्थ्य और साथ साथ पर्यावरण देानो को खराब कर रही है। हमारा लक्ष्य किसानो का मुनाफा बढ़ाना और जैविक खेती के जरिये उन्हे स्वस्थ्य और समृद्ध बनाना है।

 

Created On :   7 March 2018 7:31 PM IST

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