चुनावी प्रक्रिया में अटके सरकारी कार्य , 22 दिन से आधार का सत्यापन रुका

Government work stop in the electoral process, website closed
चुनावी प्रक्रिया में अटके सरकारी कार्य , 22 दिन से आधार का सत्यापन रुका
चुनावी प्रक्रिया में अटके सरकारी कार्य , 22 दिन से आधार का सत्यापन रुका

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  देश भर में चुनावी माहाैल है और इस माहौल में आमजन से जुड़े मुद्दे पीछे छूटते नजर आ रहे हैं। सरकार ने सभी लाभार्थियों को आधार कार्ड के अनुसार, अपने नामों का पंजीयन करने का आदेश दिया। जनवरी से शुरू हुई, यह प्रक्रिया पिछले तीन सप्ताह से बंद पड़ी हुई है। अधिकारी चुनावी ड्यूटी में लगे हैं, इसलिए इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। सरकार भी फिलहाल सियासी रोटियां सेंकने में व्यस्त है। लाभार्थियों की समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है। 

केंद्र सरकार ने सरकारी रिकार्ड में आधार कार्ड के अनुसार ही नाम दर्ज करने का आदेश जारी किया है। नागपुर शहर में 12 लाख से ज्यादा व ग्रामीण में 10 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को सरकारी राशन का लाभ मिलता है। सरकारी आदेश के मुताबिक जिले के 22 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को राशन दुकानों में जाकर आधार के अनुसार अपना सत्यापन कराना है। लाभार्थी काम-धंधा छोड़कर राशन दुकानों में लाइन लगाकर सत्यापन कर रहे थे। 22 फरवरी से यह साइट बंद पड़ी हुई है। इस कारण सत्यापन नहीं हो पा रहा है। जिले में अब तक 6 लाख लाभार्थी ही अपना सत्यापन कर चुके है। बाकी बचे 16 लाख लाभार्थी अभी भी इंतजार कर रहे हैं। लाभार्थी हर दिन राशन दुकान जाकर बैरंग लौट रहे हैं। राशन दुकानदारों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन अब तक समस्या दूर नहीं हो सकी। सत्यापन होने पर परिवार का कोई भी सदस्य जाकर राशन ले सकता है। सत्यापन नहीं होने से लाभार्थियों को अनाज मिलने में परेशानी हो रही है।

एनआईसी करती है कंट्रोल
आधार सत्यापन का काम जिस साइट पर होता है, उसे नेशनल इंफारमेंशन सेंटर (एनआईसी) कंट्रोल करती है। सर्वर या साइट में तकनीकी समस्या को दूर करने का काम हैदराबाद स्थित कार्यालय से होता है। कर्मचारी,अधिकरी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने से आमजन के मुद्दों पर कोई गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा। 

संपर्क नहीं हो सका 
जिला खाद्यान्न आपूर्ति अधिकारी चुनाव ड्यूटी में लगे हैं। शहर के खाद्यान्न वितरण अधिकारी भी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं। शहर के खाद्यान्न आपूर्ति अधिकारी प्रशांत काले से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। कई बार मोबाइल की घंटी बजती रही।

Created On :   16 March 2019 2:26 PM IST

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