महाराष्ट्र बजट सत्र : मराठी सुनाई न देने पर भड़के विधायक

Governors address in the budget session of the maharashtra Legislature
महाराष्ट्र बजट सत्र : मराठी सुनाई न देने पर भड़के विधायक
महाराष्ट्र बजट सत्र : मराठी सुनाई न देने पर भड़के विधायक

 डिजिटल डेस्क, मुंबई । विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। राज्यपाल के अभिभाषण का मराठी अनुवाद उपलब्ध न होने से नाराज विपक्ष ने अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्य विधानभवन के सेंट्रल हाल में बैठने की बजाय विधानभवन परिसर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। 
     
अंग्रेजी में भाषण शुरू होते ही नारेबाजी
 सोमवार की सुबह 11 बजे विधानभवन के सेंट्रल सभागार में राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने जैसे ही अंग्रेजी में अपना भाषण शुरु किया। सदस्यों ने भाषण का मराठी अनुवाद सुनने के लिए इयरफोन अपने कानों में लगा लिए। लेकिन उन्हें भाषण का मराठी अनुबाद सुनने के लिए नहीं मिला। विपक्षी सदस्यों ने इसकी शिकायत करनी शुरु कर दी और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। विपक्ष केसदस्य इसे मराठी का अपमान बता रहे थे। सत्तापक्ष के आशिष शेलार व राज पुरोहित ने भी मराठी अनुवाद उपलब्ध न होने पर एतराज जताया। हंगामा बढ़ता देख राज्य के शिक्षा व मराठी भाषा मंत्री विनोद तावडे ट्रांसलेशन प्रसारण कक्ष में गए और मराठी अनुवाद पढने की शुरुआत की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विपक्षी सदस्यों को समझाने लगे कि मराठी अनुवाद सुनाई दे रहा है। लेकिन विपक्ष सत्ता पक्ष की कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ और राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर सभागार से बाहर निकल गए। 
     
शिवसेना को भी लिया आ़ड़े हाथों
 बाद में विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने पर विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने मराठी अनुवाद की व्यवस्था न होने को राज्य की भाषा का अपमान बताते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विखेपाटील ने शिवसेना पर भी हमला बोलते हुए कहा कि शिवसेना के सदस्य मराठी के अपमान पर चुप रहे। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण पर माफी मांगते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है। मैं मांग करता हूं कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं सरकार की तरफ से माफी मांगता हूं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
   कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मुख्यमंत्री इसे विधानमंडल का मामला बता कर इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ नहीं सकते। सरकार के तौर पर संसदीय कार्यमंत्री की यह जिम्मेदारी है।

Created On :   26 Feb 2018 4:05 PM IST

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