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अनाथालय में पले-बढ़े, अब बनेंगे जीवनसाथी, 20 को विवाह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अमरावती जिले के वझ्झर स्थित स्व. अंबादासपंत वैद्य मतिमंद मूकबधिर बालगृह (अनाथालय) में रहने वाले समीर शंकरबाबा पापड़कर और वर्षा शंकरबाबा पापड़कर ने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया है। परिवार से बिछड़कर बालगृह में रहने वाले 22 बच्चों का विवाह शंकरबाबा पापड़कर करा चुके हैं। अब 23वां विवाह रविवार 20 दिसंबर को होने जा रहा है। दैनिक भास्कर के संचालक सुमित अग्रवाल और समूह संपादक प्रकाश दुबे ने समीर और वर्षा काे पुष्पगुच्छ व शाल देकर सम्मानित किया।
जानकारी के अनुसार कई साल पहले नागपुर रेलवे स्टेशन पर पुलिस को वर्षा मिली थी। वहीं, समीर 2-3 साल की उम्र में मुंबई के डोंबीवली में मिला था। इन दोनों को पुलिस ने वझ्झर स्थित संस्था के संचालक शंकरबाबा पापड़कर को आजीवन पुनर्वसन के लिए सौंप दिया था। श्री पापड़कर ने बच्चों को अपना नाम दिया। अब रविवार 20 दिसंबर को उनकी शादी होने वाली है, जिसका कन्यादान राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख व आरती देशमुख करेंगे। दैनिक भास्कर कार्यालय मंे इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी अनिल गड़ेकर, आशा कालबांडे, वर्षा काले, अनिल पिहुलकर, नंदकिशोर आकोलकर, गजानन मोकलकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
सैटल होने के बाद विवाह को दी सहमति
वर्षा और समीर दोनों वझ्झर अनाथालय में पले-बढ़े। दोनों ने विवाह करने की इच्छा जताई। घर और रोजगार की व्यवस्था होने के बाद ही शंकरबाबा पापड़कर ने उन्हें विवाह की अनुमति दी। गृहमंत्री अनिल देशमुख एक दिन बालगृह पहुंचे थे। उनके सामने श्री पापड़कर ने वर्षा और समीर के विवाह का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इस प्रस्ताव का स्वागत कर कन्यादान का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी स्वीकार की। 20 दिसंबर को नागपुर में विवाह तय हुआ। सामाजिक दायित्व निभाते हुए माता-पिता की जिम्मेदारी जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे और ज्योत्सना ठाकरे संभाल रहे हैं। श्री ठाकरे ने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए दिन-रात एक करने वाले शंकरबाबा पापड़कर की मानसकन्या व मानस पुत्र का विवाह समारोह एक राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाया जाए।
Created On :   16 Dec 2020 2:10 PM IST