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राज्य के 361 नगर निकायों में नहीं बनी शिकायत निवारण कमेटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने फेरवालों से जुडी दिक्कतों के समाधान के लिए राज्य के 361 स्थानिय नगर निकायों में शिकायत निवारण कमेटी न गठित किए जाने की मुद्दे पर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश अधिवक्ता क्रांति एल.सी के मार्फत महाराष्ट्र हॉकर्स फेडरेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
याचिका में दावा किया गया है कि फेरिवाला अधिनियम 2014 व महाराष्ट्र स्ट्रीट वेंडर नियमावली 2016 के प्रावधानों के तहत हर स्थानीय नगर निकाय में शिकायत निवारण कमेटी का होना जरुरी है। फिर भी इस कमेटी का गठन नहीं किया गया है। जबकि फेरीवालों के खिलाफ स्थानीय निकाय व पुलिसवालों की कार्रवाई जारी रहेती है। ऐसे में इस कमेटी का गठन न किया जाना फेरेवालों को संविधान के अनुच्छेद 21,19 व 14 के तहत मिले अधिकारों का हनन है। न्यायमूर्ति एए सैयद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई।याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने राज्य के नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया और सुनवाई को 4 मई 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया।
याचिका के अनुसार फेरिवालों की समस्याओं को सुनने के लिए सीविल जज व दो विशेषज्ञयों के साथ शिकायत निवारण कमेटी के गठन का प्रावधान है। लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद भी इस कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इसलिए राज्य के नगविकास विभाग को कम से कम हर स्थानीय नगर निकाय में कम से कम एक शिकायत निवारण कमेटी के गठन का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही कमेटी के कामकाज के लिए जरुरी स्टाफ,कार्यालय व दूसरी जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए। ताकि कमेटी प्रभावी ढंग से अपने काम को कर सके। याचिका के मुताबित सुप्रीम कोर्ट ने भी फेरीवालों से जुड़ी राष्ट्रीय नीति को लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत फेरीवालों के सर्वेक्षण के लिए हर स्थानीय नगर निकाय को टाउन वेंडिग कमेटी भी बनी है।
Created On :   9 April 2022 6:46 PM IST