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207 गांवों में भू-जलस्तर पहुंचा 31.8 मीटर के नीचे

डिजिटल डेस्क, अमरावती। दैनिक उपयोग, निर्माण कार्य के अलावा फसलों को सींचने के लिए लगातार पानी का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। जिससे भू-जलस्तर घटकर 31.8 मीटर पर पहुंच गया है। जिस तेजी से भू-जल निकाला जा रहा है उसकी तुलना में भू-जल पुनर्भरण नहीं हो पा रहा है। अमरावती जिले में सूखे की स्थिति में पहुंच चुकी मोर्शी, वरुड़, चंादुर बाजार तहसीलों के 207 गांवों के भूजल स्तर को सुधारने के लिए अब अटल भूजल योजना के जरिए 2025 तक जल सुरक्षा मुहिम चलाई जाएगी। जिसके लिए 12 गांवों में जल सुरक्षा व्यवस्था का प्रारूप तैयार किया गया है।
भू-जल को सुरक्षित रखने की यंत्रणा सक्षम बनाने हेतु जिप की ओर से पानी की खपत व जलापूर्ति व्यवस्थापन कार्य प्रणाली तैयार की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र को केवल उतना ही पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जितनी आवश्यकता हो। यह नियम खेत से लेकर निर्माणकार्य तथा उद्योगों के लिए सामान्य रूप से लागू रहेगा। जबकि पूरी तरह सूखे की कगार पर पहुंच चुके गांवों में दूसरे स्थानांे से बचाए गए पानी का उपयोग कर पुनर्भरण का काम किया जाएगा। कई गांवों में भू-जलस्तर 31 मीटर की गहराई में पहुंच गया है। जबिक उसे 19.8 मीटर होना चाहिए था। इसलिए ऐसे गांवों में अटल भूजल योजना द्वारा पुनर्भरण अभियान चलाया जाएगा।
जिले की 90 ग्राम पंचायतों के 207 गांवों में अभी से जबकि पांच अन्य ग्रामपंचायतों को दूसरे चरण के दौरान यह अभियान शुरू किया जाएगा। इस योजना के लिए विश्व बैंक तथा केंद्र सरकार द्वारा 50 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके साथ ही जिला उपविभाग तहसील व ग्राम स्तर समिति का गठन भी किया गया है। राज्य सरकार की पांच यंत्रणाओं की सहायता से पंचायत अनुसार जल सुरक्षा का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। अब तक 12 गांवों का प्रारूप तैयार होने की जानकारी है।
सभी के लिए उपलब्ध रहेगी जानकारी
भू-जल सर्वेक्षण विभाग की ओर से कुओं के निरीक्षण की तैयारी की जा चुकी है। प्रत्येक कुए में भू-जल स्तर की जानकारी सभी के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। सभी गांवों के लिए पुनर्भरण योजना के तहत एक नक्शा तैयार किया गया है। जिन गांवों में पानी अधिक गहराई में पहुंच गया है। वहां बड़े कुए तैयार कर जमीन में पानी सिंचाई का काम किया जाएगा।
- मनोज गव्हाण, भू-जल निरीक्षक
महिलाओं का सहयोग जरूरी
जिले में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए पहले चरण में 92 ग्राम पंचायतों में काम शुरू किया गया है। इनमें से 12 ग्राम पंचायतों के प्रारूप को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। किसी भी लक्ष्य को साधने में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण होता है। अमरावती जिले की महिलाओं को भी इसमें जरूरी सहभाग लेना चाहिए। -हिमा जोशी, भू वैज्ञानिक, जीएसडीए
Created On :   17 Feb 2022 1:22 PM IST