जीएसटी चोरी : गिरोह को पकड़ने टीम लुधियाना, उ.प्र., दिल्ली रवाना

GST evasion: team to catch gang leaves for Ludhiana, UP, Delhi
जीएसटी चोरी : गिरोह को पकड़ने टीम लुधियाना, उ.प्र., दिल्ली रवाना
जीएसटी चोरी : गिरोह को पकड़ने टीम लुधियाना, उ.प्र., दिल्ली रवाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (नागपुर) जोनल यूनिट के नेतृत्व में टीम लुधियाना, उत्तर प्रदेश और दिल्ली रवाना हुई है। यह टीम जीएसटी चोरी करने वाले गिराेह के लोगों को पकड़ने के िलए रवाना हुई है। इन लोगों ने औरंगाबाद के व्यापारियों को कमीशन का लालच देकर बुक में एंट्री करवा ली थी। वहीं बाहर भेजने के िलए जब दूसरे व्यक्ति को चालान नहीं मिले, तो फर्जी चालान बनाकर जीएसटी वसूल लिया। इस मामले में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

रडार पर हैं कर चोर: देशभर में राजस्व चोरी की खबरें सामने आ रही हैं, ऐसे में डीजीजीआई की टीम सभी पर नजर रखे हुए है। एक ओर टैक्स जमा नहीं करने वालों से वसूली की जा रही है। दूसरी ओर टैक्स चोरी के मामले बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहे हैं। विशेष बात यह है कि, फर्जी फर्म बनाकर फर्जी चालान के आधार पर सरकार से जीएसटी वसूलने के मामलों में बढ़त देखने को मिली है, ऐसे में डीजीजीआई की रडार पर सभी लोग बने हुए हैं।
फर्म बंद करने वालों पर भी नजर : 5 करोड़ रुपए से कम के मामले में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है, ऐसे में कई लोग 5 करोड़ का फर्जीवाड़ा कर फर्म को बंद कर देते हैं। इन लोगों पर भी डीजीजीआई की नजर बनी हुई है।

यह है मामला : डीजीजीआई द्वारा फर्जी चालान बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में औरंगाबाद रिजनल यूनिट ने 3 और 4 दिसंबर काे मुखबिर की सूचना पर औरंगाबाद में छापामार कार्रवाई की। जांच में कई जगह से बड़ी मात्रा में दस्तावेज, डायरी और शीट की गहन जांच की तो इन फर्म के माध्यम से फर्जी व्यवहार करने का खुलासा हुआ। फर्जी चालान बनाकर हजारों का व्यवहार दिखाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी सामने सामने आई। पूछताछ में दोनों प्रोप्राइटर ने फर्जी चालान बनाने की बात स्वीकार कर ली। साथ ही बताया कि, कमीशन के लालच में आकर ऐसा किया। जांच में दोनों ही फर्म के प्रोप्राइटर ने कुल 170.35 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा कर 32.76 करोड़ रुपए का लाभ लिया। इसमें 18.66 करोड़ रुपए का व्यवहार बिना चालान और बिना सामान के बुक में दिखाकर लाभ उठाया और 14.10 करोड़ रुपए के फर्जी चालान छापकर राजस्व वसूल लिया। दोनों प्रोप्राइटर को 132 एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। न्यायालय ने दोनों को 19 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।
 

Created On :   7 Dec 2020 9:06 AM GMT

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