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श्मशान घाट की शवदाहिनी में सात घंटे फंसा रहा महिला का अधजला शव

डिजिटल डेस्क, अमरावती। हिंदू श्मशानभूमि में स्थित गैस दाहिनी के अचानक बंद पड़ने से इस दाहिनी में अंतिम संस्कार के लिए डाला गया महिला का शव 7 घंटे तक अधजली स्थिति में पड़ा रहा। आखिर इस अधजले शव को दूसरी गैस दाहिनी में डालकर राख महिला के रिश्तेदार को सौंपा गई। इस घटना से मृत महिला के रिश्तेदारों में रोष देखा गया। जानकारी के अनुसार गाडगे नगर परिसर के विमल मार्केट के पीछे रहनेवाली विजया सुधीर इंगोले (59) नामक महिला की शुक्रवार रात नागपुर के कोराडी रोड स्थित एलेक्सिस अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
रविवार 19 जून को सुबह विजय इंगोले के शव को गाडगे नगर से उनके निवास पर लाया गया। विजया इंगोले की बेटी अमेरिका में रहती है। उसके अमरावती पहुंचने तक अंत्यसंस्कार न करने का निर्णय मृत विजया के परिजनों ने लिया और श्मशानभूमि में शीतपेटी लाकर उसमें रात भर शव को रखा। सोमवार को विजया इंगोले की मृत्यु का तीसरा दिन रहने होने और पार्थिव पर दाह संस्कार करने के साथ ही तीसरे ही दिन उसकी राख का विसर्जन करने का निर्णय उसके परिजनों ने लिया। इसके लिए हिंदू श्मशानभूमि के कर्मचारियों की सलाह ली। तब उन्हें बताया गया कि लकड़ियों में दाह संस्कार किया तो राख मंगलवार को मिलेंगी। लेकिन वहीं दाह संस्कार अगर गैस दाहिनी में किया जाए दो घंटे में उन्हें राख मिल जाएगी। सुबह 11 बजे इंगोले परिवार अपने रिश्तेदारों के साथ अंतिम संस्कार के लिए विजया के शव को लेकर श्मशानभूमि पहुंचे। गैस दाहिनी की प्लेट पर उसका शव रखा गया।
संस्कृति के अनुसार विधि निपटाने के उद्देश्य से विजया के बेटे वरद सुधीर इंगोले ने वहां कपूर जलाया। उसके बाद श्मशानभूमि के कर्मचारियों ने शव गैस दाहिनी में डाल दिया और रिश्तेदारों को राख लेने दोपहर 2 बजे बुलाया। गैस दाहिनी में विजया के शव को डालने के बाद वह गैस दाहिनी बंद पड़ी और उसका शव अधजली स्थिति में मशीन में ही पड़ा रहा। श्मशानभूमि के व्यवस्थापकों ने मशीन को सुधारने तकनीशियन को बुलाने का प्रयास किया। किंतु इस मशीन को सुधारने के लिए अमरावती में तकनीशियन के नहीं होने से यह दाह मशीन सुधर नहीं पाई। इसी दौरान विजया के रिश्तेदार राख लेने जब श्मशानभूमि में पहुंचे तब अधजली लाश देखकर वे संतप्त हो गए। रिश्तेदार इस स्थिति में काफी संतप्त हो गए। तब घटना की जानकारी हिंदू श्मशानभूमि के अध्यक्ष एड. आर.बी. अटल को दी गई। उन्होंने तत्काल अधजली लाश को दूसरी दाहिनी में डालकर राख विजया के परिजनों को सौंपी। लेकिन तब तक 7 घंटे तक समय बीत चुका था। इस कारण मृत विजया के रिश्तेदारों ने काफी देर तक श्ममशानभूमि में रोष व्यक्त किया।
Created On :   21 Jun 2022 3:57 PM IST