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हरियाणा: यौन शोषण के आरोपों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दी सफाई, महिला आयोग ने भेजा समन
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा की एक महिला IAS अधिकारी द्वारा अपने सीनियर अफसर पर यौन शोषण के आरोप लगाने के मामले में राज्य महिला आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने इस सम्बंध में दो अधिकारियों को समन जारी कर महिला आयोग कार्यालय में बुलाया है। गौरतलब है कि पशुपालन विभाग की महिला आईएएस अधिकारी ने हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनिल गुलाटी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। महिला IAS अधिकारी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी आपबीती बताई थी। इस मामले में सुनिल गुलाटी की ओर से भी स्पष्टीकरण आ गया है। गुलाटी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि वे इस मामले में हर जांच के लिए तैयार हैं।
Baseless allegation. She was posted here a month back. We gradually came to know she"s facing problems,I asked staff to take care of her. She even misbehaved with them: Haryana Addl Chief Secy on Facebook post by woman IAS officer leveling sexual harassment allegation against him pic.twitter.com/psSDp0s3Ap
— ANI (@ANI) June 11, 2018
It"s my duty to train my staff. It"s up to her to be willing to learn.If going to field troubles her,govt can transfer her. I"m ready for probe,even lie-detection test: Haryana Addl Chief Secy on Facebook post by woman IAS officer leveling sexual harassment allegation against him pic.twitter.com/WzKZ0nDFRN
— ANI (@ANI) June 11, 2018
इससे पहले महिला अधिकारी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पर यौन शोषण के आरोपों के साथ-साथ आरोपी अधिकारी के साथियों द्वारा हमला करवाने की आशंका भी जाहिर की थी। महिला अधिकारी ने कहा था कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। महिला अधिकारी के अनुसार, वह अब तक राष्ट्रपति कार्यालय और भारत सरकार को 53 शिकायती मेल कर चुकी हैं। हालांकि अब तक आरोपी अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। महिला आईएएस ने रविवार को एक के बाद एक फेसबुक पर सात पोस्ट लिखकर अपने यौन शोषण का मुद्दा उठाया है। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने विभागीय दस्तावेज भी शेयर किए हैं।
एसीआर खराब करने दी धमकी
महिला अधिकारी का कहना है कि उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें शाम 5 बजे अपने कमरे में बुलाया और फिर रात 8 बजे तक वहीं बैठाए रखा। इसके बाद 22 मई को भी उन्होंने महिला अधिकारी को अपने केबिन में बुलाकर कहा कि वह किसी भी फाइल की नोटिंग पर टिप्पणी ना किया करें। इसके बाद 31 मई को एक बार फिर अधिकारी ने महिला आईएएस को अपने केबिन में बुलाकर कहा कि अगर वह फाइलों पर टिप्पणी करना बंद नहीं करेंगी तो उनकी एसीआर खराब भी की जा सकती है।
बहाने से बुलाते थे ऑफिस
महिला आईएएस के मुताबिक, 10 मई को उन्होंने रेवाड़ी के कोसली तहसील में SDJM की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान और DVD सहित अन्य दस्तावेज जमा कर दिए थे। उन्होंने सुनील के गुलाटी नाम के जिस अफसर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, वह इसी विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी हैं। सुनील गुलाटी उनको बेवजह तंग करते हैं, कई बहानों से वह उन्हें बुलाकार घंटों ऑफिस में बिठाए रखते हैं। महिला अधिकारी ने गुलाटी पर बेवजह दबाव बनाने और अभद्र भाषा के प्रयोग का आरोप भी लगाया है।
आरोपी अफसर ने उनको उल्टा टांगने और उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट खराब करने की धमकी भी देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताई है कि आरोपी अफसर के साथी उन पर रात में हमला कर सकते हैं। वहीं सुनील के गुलाटी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह काम नहीं करना चाहतीं, इसलिए उन पर झूठे आरोप लगा रही हैं। महिला अधिकारी ने बताया कि उन्हें नियुक्ति होने के बाद से ही परेशान किया जा रहा है। आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिला आईएएस ने जो आरोप लगाए हैं वह बेबुनियाद और आधारहीन हैं। महिला आईएएस को मानसिक तौर पर कोई परेशानी है तो वह अपना इलाज करवाएं।
Created On :   10 Jun 2018 12:49 PM GMT