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पुलिस कर्मियों पर हमले की घटना पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे हमलों पर हाईकोर्ट ने आंखें तरेरी है। हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि शहर की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे पुलिकर्मियों पर हमले को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही उनके नाम भी हाईकोर्ट को बताने होंगे।
भास्कर में प्रमुखता से प्रकाशित
शहर में निजी बसों द्वारा हो रहे यातायात नियमों के उल्लंघन से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है। युक्तिवाद के दौरान कोर्ट ने शहर में हो रहे पुलिसकर्मियों पर हमले का मुद्दा भी उठा। बता दें कि शहर में पुलिसवालों पर हो रहे हमलों के विषय को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से सामने रखा। 13 फरवरी को गणेशपेठ बस स्थानक के सामने कुछ ऑटो वालों ने यातायात पुलिस की पिटाई की थी । हुडकेश्वर में भी एक परिवार के चार लोगों ने पुलिस से मारपीट की। इसके पूर्व 12 फरवरी को मानकापुर में भी दर्जनभर नशेड़ी युवकों ने पुलिस के वाहन पर पथराव किया था।
ट्रैवल एजेंसियां कर रहीं अवमानना
दरअसल, नागपुर शहर में निजी बसें भीड़-भाड़ भरे क्षेत्रों में बेरोक-टोक संचालित हो रही हैं। नियम है कि सरकारी बस स्थानक के 200 मीटर की परिधि में निजी बसें संचालित नहीं हो सकती। फिर भी शहर के गणेशपेठ बस स्टैंड क्षेत्र में निजी बसों का बोलबाला है। पूर्व में हाईकोर्ट ने इस समस्या का संज्ञान लेकर सू-मोटो जनहित याचिका दायर की थी। उस वक्त नागपुर शहर के तमाम निजी बस संचालक कंपनियों को प्रतिवादी बनाया गया था। इन ट्रैवल एजेंसियों ने कोर्ट में शपथ-पत्र दिया था कि उनकी ओर से आगे से किसी नियम का उल्लंघन नहीं होगा। इसके बाद भी निजी बसें गणेशपेठ बस स्टैंड क्षेत्र से संचालित होती रहीं। इस मामले में शहर के नितीन तिवारी ने अवमानना याचिका दायर कर कोर्ट के संज्ञान में यह मुद्दा लाया। सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्रतिवादी राज्य सरकार को जवाब मांगा। साथ ही पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाओं का संज्ञान लिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड.अंजन डे ने पक्ष रखा।
Created On :   15 Feb 2019 12:07 PM IST