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आशा वर्करों की दास्तां, सरकार दे रही 500 रुपए मेहनताना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी मुहिम खासतौर पर आम जनता से जुड़ी स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आशा वर्करों की दास्तां ऐसी है कि सरकार इन कड़ी मेहनत तो करवा रही है लेकिन उसके बदले इन्हें मात्र 500 रुपए थमाया रही है। बता दें कि पोलियो, क्षयरोग, कुष्ठरोग व गर्भवती महिला की देेखभाल सहित छह प्रकार का काम करनेवाली आशा वर्करों को राज्य सरकार महज 500 रुपए प्रतिमाह मेहनताना देती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के तहत 200 मकानों में सर्वे करने के बाद आशा वर्कर को 75 रुपए मेहनताना दिया जाता है।
15 हजार रुपए प्रतिमाह देने की मांग
आशा व गट-प्रवर्तक कर्मचारी यूनियन ने आशा वर्कर को 10 हजार व गट-प्रवर्तक को प्रति माह 15 हजार रुपए मानधन देने की मांग राज्य सरकार से की है। पोलियो का डोज पिलाने, कुष्ठ रोगियों को दवा वितरित करने, गर्भवती महिला की देखभाल व डिलीवरी के दौरान अस्पताल पहुंचाने व क्षय-रोगियों को चिकित्सकीय मदद पहुंचाने का काम आशा वर्कर को करना पड़ता है। नागपुर जिले में 4000 आशा वर्कर हैं। आशा वर्करों के संगठन आशा व गट-प्रवर्तक कर्मचारी यूनियन ने आशा वर्करों को कर्मचारी का दर्जा देने व 18 हजार रुपए मानधन देने का निवेदन राज्य सरकार को दिया है। जब तक इस संबंध में जीआर जारी नहीं होता, तब तक आशा वर्कर को 10 हजार व गटप्रवर्तक को 15 हजार रुपए मानधन देने की मांग की गई है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में आशा कक्ष उपलब्ध कराने, पहचान-पत्र देने व सेवानिवृत्ति के बाद 3 हजार रुपए पेंशन देने की मांग भी की गई है।
9 महीने सेवा करने के बाद मिलते हैं 250 रुपए
पहले महीने से लेकर 9 महीने तक गर्भवती महिला का ध्यान रखना पड़ता है। डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंचाना पड़ता है आैर डिलीवरी होने तक अस्पताल में रहना पड़ता है। इसके बाद आशा वर्कर के बैंक खाते में 250 रुपए जमा होते हैं।
अन्य राज्यों में है अधिक मेहनताना
आशा वर्कर को केरल में 7500 व तेलंगाना में 6 हजार रुपए मानधन मिलता है। महाराष्ट्र में केवल 500 रुपए मिलते हैं। 45वें इंडियन लेबर कांफ्रेंस ने 18 हजार रुपए मानधन देने के साथ ही पीएफ की सुविधा देने की सिफारिश की है। राज्य व केंद्र सरकार को कई बार निवेदन दिया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। मानधन के संबंध में जीआर जारी होना चाहिए। सरकार का ध्यान खींचने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है।
-राजेंद्र साठे, अध्यक्ष नागपुर जिला आशा व गट-प्रवर्तक कर्मचारी यूनियन (सीटू)
Created On :   6 March 2018 2:37 PM IST