थानों में अलग से लेडीज टॉयलेट के मामले पर सुनवाई टली

Hearing on Ladies toilet case separately in police stations
थानों में अलग से लेडीज टॉयलेट के मामले पर सुनवाई टली
थानों में अलग से लेडीज टॉयलेट के मामले पर सुनवाई टली

डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश के पुलिस थानों में महिलाओं के लिये अलग से टॉयलेट की व्यवस्था न होने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई टल गई है। मामले पर सरकार का जवाब आने के बाद चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को जवाबदावा पेश करने चार सप्ताह का समय दिया है।
गौरतलब है कि जबलपुर के अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि पुलिस विभाग में काम करने वाली महिला अधिकारियों व अन्य स्टाफ  के लिए अलग से साफ-सुथरे टॉयलेट होना चाहिए। आवेदक का कहना है कि अभी महिला कर्मचारियों को थाने में बने कॉमन टॉयलेट में जाना पड़ता है। याचिकाकर्ता के मुताबिक कार्यस्थल पर वाशरूम और रिटायरिंग रूम जैसी मूलभूत सुविधाएं कामकाजी महिलाओं के सम्मान से जुड़ी होती हैं। बिना मूलभूत सुविधाओं के ऐसी महिलाओं से दायित्वों का निर्वहन करने की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इन आधारों के साथ दायर याचिका में राहत चाही गई है कि आज की स्थिति में अनावेदकों से स्टेटस रिपोर्ट बुलाकर यह देखा जाए कि वास्तव में कितने पुलिस स्टेशनों और आउट पोस्ट पर महिला पुलिस कर्मियों के लिए अलग से वाशरूम हैं। साथ ही जिन थानों में अलग से वाशरूम नहीं हैं, वहां पर वो उपलब्ध कराने के निर्देश अनावेदकों को दिए जाएं। मामले में पूर्व में जारी हुए नोटिस के जवाब में राज्य सरकार का कहना है कि प्रदेश के 566 थानों में महिलाओं के लिए टॉयलेट बने हैं और शेष थानों में टॉयलेट बनाने की प्रक्रिया जारी है।मामले पर बुधवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा। सरकार की ओर से दिए गए जवाब के बाद जवाबदावा दाखिल करने याचिकाकर्ता की ओर से समय चाहा गया, जो युगलपीठ ने प्रदान किया। पुलिस विभाग में काम करने वाली महिला अधिकारियों व अन्य स्टाफ  के लिए अलग से साफ-सुथरे टॉयलेट होना चाहिए।

 

Created On :   25 Jan 2018 1:03 PM IST

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