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अण्णा हजारे की याचिका पर शुरु हुई सुनवाई

डिजिटल डेस्क ,मुंबई । मुंबई की विशेष अदालत में शनिवार से महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए कथित घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) की क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरु हो गई है। कोर्ट ने 15 मार्च 2021 से इस मामले की सुनवाई रोजाना करने की बात कही है।
ईओडब्लू की क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सहित पांच लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें ईओडब्लू की रिपोर्ट को स्वीकार न करने का आग्रह किया है। अक्टूबर 2020 में ईओडब्लू ने 25 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित 69 लोगों को क्लीन चिट दी है। शनिवार को न्यायाधीश ए सी डागा के सामने सभी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश तलेकर ने श्री हजारे की याचिका से जुडी सारी जानकारी न्यायाधीश को दी। इस दौरान श्री तलेकर ने हजारे की याचिका में चीनी मिल की बिक्री में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार की संदिग्ध भूमिका के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने ने दावा किया कि ईओडब्लू ने मामले की जांच किए बिना ही क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है। इस पर न्यायाधीश ने श्री तलेकर को प्रकरण से जुडी सारी जानकारी एक चार्ट में देने को कहा और मामले की सुनवाई 15 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि यदि कोई अड़चन नहीं आयी तो हम रोजाना इस मामले की सुनवाई करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र मोहन ने इस मामले को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद ईओडब्लू ने जांच शुरु की थी। फिर क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। जिसमें इस मामले को सिविल नेचर का बताया गया है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।