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महाराष्ट्र में भारी बरसात से कई इलाके हुए पानी-पानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई । कोकण के ज्यादातर इलाकों और अमरावती विभाग के कुछ तालुकाओं में हो रही जोरदार बरसात के चलते राज्य का आपदा प्रबंधन सक्रिय हो गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। अमरावती जिले के तिवसा तालुका स्थित चांदुरबाजार और मोर्शी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यहां के गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन लोगों की मदद में जुटा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक मुंबई और आसपास के इलाकों में अगले पांच दिनों तक भारी बरसात का सिलसिला जारी रह सकता है।
एनडीआरएफ की टीमे तैनात
मंगलवार शाम पत्रकारों के बातचीत में शिंदे ने कहा कि राज्य में करीब साढ़े तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल (एनडीआरएफ) की नौ और राज्य आपदा प्रबंधन दल (एसडीआरएफ) की चार टीमें राहत और बचान के काम के लिए तैनात कर दी गईं हैं। शिंदे ने कहा कि मैंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रखें। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाने और उनके खाने पीने का इंतजाम किया जाए। पुणे विभाग के कोल्हापुर जिले में फिलहाल बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं हैं लेकिन नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। इसलिए यहां एनडीआरएफ की दो टुकड़ियां तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
भारी बारिश से अस्तव्यस्त हुई मुंबई
मुंबई और आसपास के इलाकों में दो दिनों से जारी भारी बरसात के चलते कई निचले इलाकों में जल जमाव हो गया है। मुंबई के सांताक्रूज में 24 घंटों में 124 जबकि कोलाबा में 117 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। पालघर जिले में भी 100 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मुंबई महानगर पालिका द्वारा उठाए गए कदमों के चलते महानगर के ज्यादातर इलाकों में जलजमाव नहीं हुआ है। जहां परेशानी है उसे हल करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि लगातार बरसात और निचले इलाकों में जल जमाव के चलते मंगलवार को मुंबई में ट्रैफिक की रफ्तार बेहद सुस्त रही। हिंदमाता, सायन, कुर्ला, अंधेरी के कुछ निचले इलाकों में पानी भर गया। पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले अंधेरी, मलाड, मिलन और गोलीबार सबवे भी जल जमाव के चलते बंद करने पड़े। लोकल ट्रेनें देरी से चली और बेस्ट बसों के 8 रास्तों को बदलना पड़ा। घाटकोपर इलाके में चट्टान खिसकने के चलते एक घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया लेकिन राहत की बात रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं रत्नागिरी में दो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं इसलिए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। वहां बार बाद पत्थर गिरने के चलते मुंबई-गोवा हाईवे पर स्थित परशुराम घाट यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
Created On :   5 July 2022 9:26 PM IST