कोरोना प्रभावितों की तरफ बढ़ाया मदद का हाथ , बची हुई दवाई कर रहे दान

Help extended to the Corona affected, donating the remaining medicines
कोरोना प्रभावितों की तरफ बढ़ाया मदद का हाथ , बची हुई दवाई कर रहे दान
कोरोना प्रभावितों की तरफ बढ़ाया मदद का हाथ , बची हुई दवाई कर रहे दान

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  पूरे देश में कोरोना का संक्रमण काल चल रहा है। सभी जगह एक जैसी स्थिति है। लॉकडाउन के कारण लोगों के काम-धंधे बंद हो गए हैं। रोजी-रोटी पर आफत आ गई है। रोज कमाने वालों के घर दवा खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं। ऐसे लोगों की मदद कुणाल पुरी व उनके दोस्त कर रहे हैं। कुणाल ने बताया कि मैं और मेरा  परिवार कोरोना पॉजिटिव थे। ठीक होने के बाद हमारे पास बहुत सारी दवाइयां बच गई थीं, तब मैंने सोचा कि ये रखे-रखे खराब हो जाएंगी, तो क्यों न बची हुई दवाइयां जरूरतमंदों तक पहुंचाई। फिर मैंने अपनी बात दोस्तों के सामने रखी, तो वे भी इसके लिए तैयार हो गए। हमने वॉट्सएप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों में वीडियो बनाकर यह बात रखी, हमें बहुत सारे लोगों के फोन आने लगे। जिसमें वे अपनी बची हुई दवाइयां देने के लिए तैयार हो गए।

50 से अधिक की मदद की
कुणाल ने बताया कि लोगों को खाना आदि बहुत सारे लोग देते हैं, लेकिन इन लोगों को दवाओं की भी जरूरत है, जो ये खरीद नहीं पाते हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीज को लगने वाली दवाएं महंगी होती हैं, ऐसे में रोज कमाने खाने वाले के पास पैसे नहीं हैं। हमने इस कार्य की शुरुआत 25 अप्रैल से की है, हमारे पास रोज जरूरतमंदों के फोन आते हैं। साथ ही जिनके पास दवाएं बची हैं, वे भी कॉल करते हैं। हमारी टीम के लोग सभी के घर जाकर दवाएं लेते हैं और जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं। दो दिन में हम अभी तक 50 से अधिक लोगों की मदद कर चुके हैं।

पूरा परिवार था पॉजिटिव
 कुणाल ने बताया कि देखने में आया कि मार्केट में फैबिफ्लू दवा की कमी है। साथ ही ये दवा महंगी भी है। हमने देखा कि बहुत सारी दवाइयां बच गई हैं, तो हमने इसे फेंकने के बजाय जरूरतमंदों की मदद करने के बारे में सोचा। आज जब ये दवा लोगों तक नि:शुल्क पहुंचाते हैं, तो वे खुश हो जाते हैं। साथ ही हमें दुआएं भी देते हैं। कोरोना काल में सभी को एक-दूसरे की मदद के बारे में सोचना चाहिए। अगर हम किसी के काम आ सकें, तो इससे बड़ा अच्छा कार्य जीवन में कुछ और नहीं हो सकता है। हमारी टीम पूरे नागपुर शहर में नि:शुल्क सेवा दे रही है। मेरे इस कार्य में मेरे दोस्त अश्विन धनविजय, पीयूष पाटिल, गणेश कुटे, सुमित भालेकर, अजय डोंगरे, संदीप देशपांडे, ऋषभ माहुले, मुकेश गजभिए शामिल हैं।
 

Created On :   28 April 2021 4:29 AM GMT

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