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कम उपस्थिति के बावजूद परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने पर हाईकोर्ट नाराज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉलेज द्वारा कम उपस्थिति के बावजूद विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने के मामले में नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला उपस्थिति के अनुशासन व विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा है। इसलिए कॉलेज की ओर से इस विषय में पर्याप्त कदम उठाए जाएं।
मामला मुंबई के प्रतिष्ठित मीठीबाई कॉलेज से जुड़ा है। जहां 58.9 प्रतिशत उपस्थिति रखने वाली छात्रा को परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई हैं। जबकि इसके पहले 59 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र को बी कॉम द्वितीय वर्ष की परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी गई थी। इससे पहले कॉलेज ने साफ किया था कि नियमानुसार कॉलेज में 70 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। इस नियम के मद्देनजर हाईकोर्ट ने कॉलेज के रवैए को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कॉलेज सिर्फ हर विषय में उपस्थिति से 5 प्रतिशत की छूट दे सकता हैं।
न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कॉलेज के प्राचार्य राजपाल हंडे की ओर से दायर किए गए हलफनामे पर गौर करने के बाद पाया कि 60 प्रतिशत से कम उपस्थिति के बावजूद एक विद्यार्थी को परीक्षा की इजाजत दी गई है। इस दौरान खंडपीठ को बताया गया की इस बारे में 6 मार्च 2020 को निर्णय किया गया है। पिछले दिनों विभिन्न संकाय के करीब 550 विद्यार्थियों को कम उपस्थिति के कारण परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई थी। इन तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने इसे गंभीर मामला बताया और 29 जून को इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई रखी। खंडपीठ ने कहा कि कॉलेज इस मामले में पर्याप्त कदम उठाए।
Created On :   27 Jun 2020 1:06 PM GMT