हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा सवाल- मेलघाट के घरों में जाते हैं डॉक्टर

High Court asked to state government- Are the doctors enters in Melght peoples home
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा सवाल- मेलघाट के घरों में जाते हैं डॉक्टर
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा सवाल- मेलघाट के घरों में जाते हैं डॉक्टर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या मेलघाट व आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए बनाई कमेटी का अधिकारी कुपोषण से ग्रस्त लोगों की खोज खबर लेने के लिए जाता है। ताकि यह पता चल सके कि बच्चा कुपोषण से ग्रस्त था या फिर उसे कोई और परेशानी थी। कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई के दौरान बताने को कहा है क्या वह यह आश्वस्त कर सकती है कि स्वास्थ्य सेवक व डाक्टर  घर-घर जाकर आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों के सेहत की जानकारी लेते हैं? इसके साथ ही सरकार स्पष्ट करे कि कुपोषण की समस्या के समाधान व अन्य मुद्दों के लिए सरकार की ओर से बनाई गई कोर कमेटी के अधिकारी कैसे आदिवासी इलाकों के लिए बनाई गई स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी करते है? 

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एमएस सोनक की बेंच ने यह सवाल मेलघाट में पिछले महीने 72 बच्चों की मौत की जानकारी मिलने के बाद किया। सामाजिक कार्यकर्ता बंडू साने ने बेंच के सामने कहा कि अमरावती जिले के मेलघाट इलाके में कुछ डाक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई है, लेकिन प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए डाक्टर पर्याप्त नहीं है। सितंबर महीने में ही कुपोषण व बीमारी के चलते 72 बच्चों की मौत हो गई है। जरुरत है कि वहां पर रहनेवाले लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाए और अधिकारी  घर-घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य की जानकारी ले। इस पर बेंच ने कहा कि सरकार हमे बताए कि पिछले महीने मेलघाट इलाके में कितने स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं। आदिवासी इलाकों में दी जानेवाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर कैसे निगरानी रखी जाती है? 

इससे पहले सरकारी वकील नेहा भिडे ने कहा कि सरकार ने आदिवासी इलाकों में होनेवाली मौत के कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए टाटा इंस्टीच्यूट आफ सोशल साइंस (टिस) की नियुक्त कर दी है। इस पर बेंच ने कहा कि हमे बताया जाए कि टिस किन विषयों का अध्ययन करेगा? जब तक यह तय नहीं हो जाता तब तक टिस की रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं रहेगा। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

Created On :   12 Oct 2018 2:48 PM GMT

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