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कुपोषण से 86 बच्चों की मौत पर हाईकोर्ट ने मंगाई विस्तृत रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने नंदुरबार में कुपोषण व मेडिकल सुविधाओं के अभाव चलते 86 बच्चों की मौत के मामले में नंदुरबार के जिलाधिकारी से जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी को मामले की अगली सुनवाई के दौरान विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने डाक्टर राजेंद्र बर्मा व अन्य की ओर से मेलघाट में कुपोषण से बच्चों की होनेवाली मौत व स्वास्थाय सुविधाओं के अभाव के मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त निर्देश दिया। खंडपीठ ने नंदुरबार में बच्चों की मौत को देखते हुए वहां के जिलाधिकारी को कहा है कि इस मामले में वे सभी जरुरी कदम उठाए जो वहां की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जरुरी है। खंडपीठ ने राज्य सरकार को नंदुरबार में बालरोग विशेषज्ञ व स्त्रीरोग विशेषज्ञय डाक्टर भेजने की दिशा में भी उपयुक्त कदम उठाने को कहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता बी.एस साने ने खंडपीठ को बताया कि जनवरी 2022 से नंदुरबार में 86 बच्चों की मौत कुपोषण व स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में हुई है। इस दौरान श्री साने ने मेलघाट व आदिवासी इलाकों के हालात सुधारने को लेकर कई सुझाव दिए औऱ मेलघाट को लेकर आईपीएस अधिकारी छेरिंग दोरर्जे की रिपोर्ट को बेहतरीन बताया और उसके प्रभावी अमल का निवेदन किया। जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने खंडपीठ को मेलघाट में 15 जुलाई 2022 से 15 अगस्त 2022 के बीच कुपोषण व मेडिकल सुविधाओं के अभाव में खंडपीठ को 80 बच्चों के मौत होने की जानकारी दी। जिसके तहत खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जरुरी संसाधन व मानव बल बढाने के साथ आवश्वक सुविधाए उपलब्ध कराने की दिशा में उपयुक्त कदम उठाने को कहा है। ताकि वहां पर आनेवाले मरीजों का इलाज किया जा सके। खंडपीठ ने राज्य सरकार को उन सुझावों पर भी विचार करने को कहा है जिसके अंतगर्त कार्य के लिए सभी संबाधित विभाग के लोगों के बीच समन्वय बनाने, गर्भवती महिलाओं को दिए जानेवाले आहार की मात्रा व गुणवत्ता को सुधारने, जिला स्तर पर कोर कमेटी की बैठक करने,कुपोषित बच्चों की देखभाल व आदिवासी इलाकों के लिए उपलब्ध कराए गए एंबुलेंस को ड्राइवर,डीजल व उसके रखरखाव के लिए प्रावधान करने की बात कही गई है।
बिहार के दशरथ माझी “माउंटेन मैन”का किया जिक्र
खंडपीठ ने मेलघाट व आदिवासी इलाकों में बच्चों की मौत से जुड़े मुद्दे को लेकर याचिका पर सुनवाई के दौरान बिहार के गया में स्थित गेहलोर गांव के निवासी गरीब श्रमिक दशरथ माझी (चर्चित नाम माउंटेन मैन) की प्रेरणादायी सच्ची कहानी का भी जिक्र किया। जिसके तहत माझी ने अपने जीवन में घटी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के चलते कैसे हथौडे और छेनी का इस्तेमाल करके अकेले पहाड को काटकर रास्ता बनाने की शुरुआत की। जिसके बाद राज्य सरकार ने माझी की पहल को देखा और फिर उसे अंजाम तक पहुंचाया। इससे पहले खंडपीठ ने पालघर इलाके में सड़क के अभाव में समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के चलते गर्भ में ही अपने दोनों जुड़वा बच्चों को गंवानेवाली महिला को लेकर छपी खबर का भी सुनवाई के दौरान उल्लेख किया था। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 12 सितंबर 2022 को रखी है।
Created On :   20 Aug 2022 7:06 PM IST