हाईकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए मंत्री मलिक को नहीं दी अनुमति 

High Court did not allow Minister Malik to vote in Rajya Sabha elections
 हाईकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए मंत्री मलिक को नहीं दी अनुमति 
दो न्यायमूर्तियों के सामने सुनवाई   हाईकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए मंत्री मलिक को नहीं दी अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के मंत्री नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव के दौरान मतदान करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इससे पहले मुंबई कि विशेष अदालत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व मंत्री मलिक तथा विधायक अनिल देशमुख को चुनाव के दौरान मतदान करने के लिए एक दिन की जमानत देने से मना कर दिया था। लिहाजा राकांपा के दोनों नेताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। किंतु हाईकोर्ट में सिर्फ मलिक ने ही अपनी याचिका का उल्लेख सुनवाई के लिए किया। दोनों आरोपी नेता मनीलांड्रिग के आरोपों का सामना कर रहे है और फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। 

पहले मलिक की याचिका पर न्यायमूर्ति पीडी नाईक के सामने सुनवाई हुई। किंतु तकनीकि कारणों का हवाला देकर जब न्यायमूर्ति नाईक ने मलिक को राहत देने से मना कर दिया तो मलिक के वकील तारक सैय्यद ने न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने याचिका पर सुनवाई के लिए आग्रह किया। किंतु न्यायमूर्ति डागरे ने भी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया।

न्यायमूर्ति ने कहा कि जब विशेष अदालत ने मंत्री मलिक को मतदान करने की अनुमति देने से मना कर दिया है तो इस पर तुरंत सुनवाई का कोई मतलब नहीं हैं और आरोपी को राहत देने के लिए निचली अदालत के आदेश को निरस्त करना पड़ेगा। शुरुआत में न्यायमूर्ति नाईक के सामने मलिक की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल को जमानत के बजाय सिर्फ पुलिस दल के साथ विधानभवन जाकर मतदान करने के लिए कुछ घंटों के लिए छोड़ा जाए। क्योंकि मतदान का समय शाम चार बजे तक है। न्यायमूर्ति ने इस निवेदन पर भी विचार नहीं किया।

सुनवाई के दौरान श्री देसाई ने कहा कि इस मामले में निचली अदालत की ओर से दिए गए आदेश के खास तौर से जनप्रतिनधि के मतदान के मामले में दूरगामी असर हो सकते हैं। इस मामले की पहले न्यायमूर्ति नाईक के सामने सुनवाई हुई। किंतु न्यायमूर्ति ने मंत्री मलिक को कोई राहत नहीं दी। इस दौरान ईडी ने मंत्री मलिक की याचिका का विरोध किया और कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदी को मतदान का अधिकार नहीं हैं। 
 

Created On :   10 Jun 2022 7:09 PM IST

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