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मुन्ना यादव मामला : नाराज़ हाइकोर्ट ने सरकार को दिया जवाब देने का आखरी मौका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दो परिवारों में हिंसक भिड़ंत के मामले में घिरे इमारत निर्माणकार्य कल्याण मंडल अध्यक्ष आेमप्रकाश उर्फ मुन्ना यादव के खिलाफ विरोधी गुट की गीता यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में पुलिस पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने जानबूझकर मुन्ना यादव और उनके परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास भादंवि 307 की धारा को चार्जशीट से हटा कर केवल भादंवि 324 लगाया गया। याचिकाकर्ता को इस पर एतराज है। यह भी आरोप है कि पुलिस जानबूझकर मामले की धीमी गति से जांच कर रही है।
ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई या सीआईडी जैसी स्वतंत्र संस्था को सौंपी जानी चाहिए। इस मामले में बीती सुनवाई में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर कोर्ट ने प्रतिवादी सरकार और पुलिस से जवाब मांगा था। लेकिन मंगलवार को हुई सुनवाई में जब सरकारी पक्ष जवाब प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा तो हाइकोर्ट इस पर नाराज़ हुआ| कोर्ट ने सरकार को आखरी मौका देते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है|
यह था विवाद
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2017 में मुन्ना यादव और उनके भाई मंगल यादव के परिवारों में पटाखा जलाने को लेकर विवाद हुआ। रात करीब साढ़े आठ से नौ बजे के दौरान मंगल यादव का परिवार भाई दूज मना रहा था, तभी मुन्ना यादव के पुत्र करण और अर्जुन पटाखे फोड़ रहे थे। परिवार में छोटे बच्चे होने से उन्हें वहां से कुछ दूरी पर पटाखे फोड़ने के लिए कहा गया। इस बात पर करण और अर्जुन भड़क गए। उन्होेंने मंगल यादव और उसके भतीजों से गाली-गलौज की। तलवार और डंडे से उन पर हमला बोल दिया। घटना के दौरान मुन्ना यादव वहीं थे, जिसके बाद प्रकरण में धंतोली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद मुन्ना यादव ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी, मगर कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ समय के लिए अंतरिम अग्रिम जमानत जरूर दी थी, मगर 9 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने यादव को निचली अदालत से जमानत लेने के आदेश दिए थे।
Created On :   25 Sept 2018 3:37 PM IST