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जब लड़का-लड़की और परिजन हो गए राजी, तो कोर्ट ने रद्द किया अपहरण का मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रेमी से शादी के लिए अपनी मर्जी से घर से छोड़ने वाली लड़की के बयान को सुनने के बाद बांबे हाईकोर्ट ने आरोपी प्रेमी के खिलाफ कोर्ट में प्रलंबित मामले को रद्द कर दिया है। लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत की थी जिस वक्त आरोपी ने मेरी लड़की को लेकर फरार हुआ था, उस समय वह नाबालिग थी। मां की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पास्कों कानून व अपहरण की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने मामले को लेकर दिडोंशी कोर्ट में आरोपपत्र भी दायर कर दिया था। कोर्ट में प्रलंबित मामले को रद्द करने की मांग को लेकर आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
शादी से पहले ही पुलिस ने किया था गिरफ्तार
अपने आधार कार्ड व पैन कार्ड में लिखी जन्म तारीख के आधार पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वीके ताहिलरमानी और न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने लड़की ने कहा कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से आरोपी के साथ भागी थी, ताकि वह उससे विवाह कर सके। लेकिन शादी से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पर अब दोनो शादी करने की इच्छा रखते है। इस दौरान लड़की की मां ने कहा कि यदि आरोपी और उनकी बेटी शादी करना चाहते हैं और इसलिए मामले को रद्द किया जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
प्रलंबित मामले को किया रद्द
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि लड़की और आरोपी एक दूसरे से प्रेम करते हैं और दोनों विवाह करना चाहते हैं। इसके अलावा लड़की की मां को भी मामला रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे में कोर्ट में इस मामले को प्रलंबित रखने का कोई मतलब नहीं है। यह कहते हुए खंडपीठ ने आरोपी के खिलाफ दिंदोशी कोर्ट में प्रलंबित मामले को रद्द कर दिया।
Created On :   6 Feb 2018 9:05 PM IST