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अनाज के दाम नियंत्रित रखने हाईकोर्ट ने कहा- ठोस नीति बनाए सरकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केंद्र सरकार को आदेश दिए हैं कि तुअर दाल, मूंग दाल और अन्य जरूरी अनाज के दाम नियंत्रित हों, इसके लिए ठोस नीति निर्धारित करने पर कोर्ट में शपथ-पत्र प्रस्तुत करें। अनिल आग्र द्वारा दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के अनुसार, तुअर दाल और अन्य प्रकार का अनाज दिनों-दिन महंगा होता जा रहा है। इससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। दाल की महंगाई के कारण न केवल लोगों का बजट बिगड़ रहा है, बल्कि दैनिक भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा भी गड़बड़ा रही है।
लागू नहीं हो पा रहे नियम
अनाज खेती की प्रक्रिया से गुजरते हुए व्यापारी, दुकानदार और फिर उपभोक्ता तक पहुंचता है। इससे किसान जो अपने अनाज का दाम रखता है, व्यापारी और दुकानदार उसमें अपना मुनाफा जोड़ कर उसी अनाज की कीमत गई गुना बढ़ा देते हैं। याचिकाकर्ता की मांग है कि राज्य सरकार को इस पर नीति निर्धारित करनी चाहिए कि समाज के सभी वर्गों के लोगों को कम से कम मूल्य पर दाल व दूसरा अनाज मिल सके। इससे जुड़े कई नियम मौजूद होने के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उन्हें प्रभावी रूप से लागू कर पाने में नाकाम हो रही हैं। इसलिए एक स्वतंत्र नीति जरूरी है।
जनवरी 2016 में तुअर, मूंग और अन्य प्रकार के अनाज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए राज्य सरकार ने कई व्यापारियों और दुकानदारों की जगहों पर छापा मारा था। सरकार ने इस कार्रवाई में 1,23,028 मीट्रिक टन अनाज जब्त किया था। इसमें से 85,547.781 मीट्रिक टन अनाज व्यापारियों को लौटा कर शेष 37,480.608 मीट्रिक टन अनाज अपने पास रखा। याचिकाकर्ता के अनुसार, सरकार ने अनाज की ब्रिक्री और जमा करने पर गलत नीति निर्धारित कर रखी है। साथ ही अनाज लौटाने में भी कई अनियमितताएं हुई हैं। इससे उत्पन्न हुई अनाज की कमी के कारण महंगाई बढ़ी और इसके लिए सीधे सरकार जिम्मेदार है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.संतोष चांडे ने पक्ष रखा।
Created On :   14 Dec 2018 7:48 AM GMT