समदडिय़ा मॉल की लीज निरस्त, नाम बदलने का आदेश

High Court has upheld the state governments decision to cancel the lease of Samdadiya  Mall
समदडिय़ा मॉल की लीज निरस्त, नाम बदलने का आदेश
समदडिय़ा मॉल की लीज निरस्त, नाम बदलने का आदेश

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने समदडिय़ा मॉल की 41 हजार 179 वर्गफीट जमीन की लीज निरस्त करने के राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। इसके साथ ही युगल पीठ ने मॉल को आवंटित 6240 वर्गफीट अतिरिक्त जमीन की भी लीज निरस्त कर दी है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस सुजय पॉल की युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि जमीन और मॉल पर जबलपुर विकास प्राधिकरण का मालिकाना हक है। इसलिए जेडीए मॉल का नाम बदलने के लिए स्वतंत्र है। 110 पृष्ठीय फैसले में हाईकोर्ट ने कहा है कि समदडिय़ा मॉल को जेडीए ने भूतल के साथ चार मंजिला बिल्डिंग बनाने की स्वीकृति दी थी, लेकिन भूतल के साथ 7 मंजिला भवन का निर्माण कर लिया गया है। तीन अतिरिक्त मंजिलों का निर्माण हाईराइज बिल्डिंग कमेटी की मंजूरी से किया गया था। इसलिए तीन अतिरिक्त मंजिलों को तोड़ा जाना जरूरी नहीं है। तीन अतिरिक्त मंजिलों के लिए जेडीए समदडिय़ा बिल्डर से नियमानुसार जुर्माना वसूल करें।

दुकानदारों को बिल्डर द्वारा जारी लीज भी अवैध घोषित
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में समदडिय़ा बिल्डर द्वारा मॉल के 29 दुकानदारों के पक्ष में जारी लीज भी अवैध घोषित कर दी है। मॉल में काबिज शेष किराएदारों से बिल्डर द्वारा लिए गए किराए की वसूली का आदेश जारी किया है। जेडीए द्वारा यह वसूली वर्ष 2008 से मॉल के निर्माण के समय से की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता समदर्शी तिवारी, जेडीए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवीश अग्रवाल और अधिवक्ता अंशुमान सिंह और समदडिय़ा बिल्डर की ओर से संजय अग्रवाल ने पक्ष रखा।

हाईटेंशन लाइन भी अवैध, जेडीए करेगी कार्रवाई
समदडिय़ा मॉल तक हाईटेंशन लाइन लाने के लिए जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 48 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इस निर्णय का भी हाईकोर्ट ने अवैध माना है। इस पर हाईकोर्ट ने जेडीए को कार्रवाई करने का निर्दश दिया है।

7.15 प्रतिशत लीज रेन्ट पर फैसला लंबित
जनहित याचिका में समदडिय़ा बिल्डर से 7.15 प्रतिशत लीज रेन्ट वसूली करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि लीज रेन्ट को लेकर एक अन्य याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए इस मामले पर अभी निर्णय पारित नहीं किया जाएगा।

यह है मामला
 आरटीआई एक्टिविस्ट सुशील मिश्रा की ओर से जनहित याचिका दायर कर जेडीए द्वारा 30 मई 2008 को समदडिय़ा बिल्डर को सिविक सेन्टर में 41 हजार 179 वर्गफीट जमीन की लीज दिए जाने को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की अनुमति  के बिना ही समदडिय़ा बिल्डर को लीज दे दी गई। याचिका में कहा गया कि समदडिय़ा बिल्डर को 6240 वर्गफीट अतिरिक्त जमीन का भी आवंटन कर दिया गया। जेडीए ने भूतल के साथ चार मंजिला बिल्डिंग बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन भूतल के साथ 7 मंजिला बिल्डिंग का िनर्माण कर लिया। जमीन पर जेडीए का मालिकाना हक होने के बाद भी बिल्डर ने 29 दुकानदारों को दुकानें लीज पर दे दी। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन के 19 जून 2017 को और जेडीए ने 27 जून 2017 को जमीन की लीज निरस्त कर दी। लीज निरस्त करने के खिलाफ समदडिय़ा बिल्डर की ओर से याचिका दायर की। वहीं दूसरी तरफ समदडिय़ा मॉल के दुकानदारों की ओर से मनीष कोठारी और बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से भी याचिका दायर की गई थी। सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की गई।

 

Created On :   1 Oct 2018 7:23 PM IST

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