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शिक्षकों को अतिरिक्त काम देने पर महाराष्ट्र सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अध्यापन कार्य के अलावा शिक्षकों को अतिरिक्त सरकारी कामों में लगाने का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता मुकेश लिचाडे ने याचिका में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में लगाना आरटीई अधिनियम का उल्लंघन है। इससे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों पर बुरा असर पड़ता है। शिक्षा विभाग ने 4 जुलाई 2015 को राज्य में शाला बाह्य बच्चों के सर्वेक्षण का निर्णय लिया था।
जिलाधिकारी और मनपा ने भी शहर के शौचालयों के सर्वेक्षण का निर्णय लिया था। इन दोनों सर्वेक्षणों में शिक्षकों को नियुक्त करने का फैसला लिया गया था। याचिकाकर्ता का दावा है कि प्रशासन ने सर्वेक्षण में शामिल होने के लिए शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव डाला था। शिक्षकों ने आरटीआई डाल कर यह जानने की कोशिश की कि उन्हें किस नियम के तहत सर्वेक्षण कार्य में लगाया गया, लेकिन उन्हें कोई उत्तर नहीं मिला है। याचिकाकर्ता ने शिक्षकों को किसी गैर-शैक्षणिक गतिविधि में शामिल न करने संबंधी आदेश देने की प्रार्थना अदालत से की है। याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर कोर्ट ने सरकार से16 अगस्त तक जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विनय धाबे ने पक्ष रखा।
Created On :   13 July 2017 10:56 AM GMT