काटोल विधानसभा चुनाव : हाईकोर्ट का स्थगन

High Court of nagpur bench stays by polls in katol assembly
काटोल विधानसभा चुनाव : हाईकोर्ट का स्थगन
काटोल विधानसभा चुनाव : हाईकोर्ट का स्थगन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मंगलवार को 11 अप्रैल को प्रस्तावित काटोल विधानसभा चुनाव पर स्थगन लगा दिया। साथ ही चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है। पंचायत समिति अध्यक्ष संदीप सरोदे द्वारा काटोल में 11 अप्रैल को प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का विरोध करती याचिका दायर की गई थी, जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। देश के निर्वाचन आयोग द्वारा जिले के काटोल विधानसभा सीट पर 11 अप्रैल को विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव घोषित किए गए हैं। यहां के विधायक आशीष देशमुख के इस्तीफा देने के बाद से यह सीट खाली है। चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया है। याचिकाकर्ता ने इसे चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा। 

ऐसा था चुनावी कार्यक्रम

चुनाव आयोग ने 10 मार्च 2019 को काटोल में चुनावों की घोषणा की। आगामी 11 अप्रैल को यहां लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होगा। परिणाम 23 मई को जारी होेंगे। 18 मार्च को चुनाव आयोग ने नामांकन के लिए टाइमटेबल भी जारी किया था, जिसके मुताबिक 26 मार्च को सुबह 11 बजे काटोल विधानसभा सीट के लिए नामांकन स्वीकार किए जाएंगे। इसी तरह 28 मार्च को दोपहर 3 बजे के पूर्व नामांकन वापस लिया जा सकता है।


5 अक्टूबर 2014 को काटोल विधानसभा सीट के लिए चुनाव हुए थे। इसमें 78 आशीष देशमुख विजयी रहे। इसके 4 साल बाद 3 अक्टूबर 2018 को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे 6 अक्टूबर 2018 को स्वीकार कर लिया गया। इससे काटोल विधानसभा की सीट खाली हो गई। अगर चुनाव हुआ तो जून 2019 के विधानमंडल के मानसून सत्र में काटोल का नया विधायक शपथ लेगा। इसके बाद अक्टूबर में महाराष्ट्र में फिर विधानसभा चुनाव है, जिसके लिए सितंबर में ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। याचिकाकर्ता की दलील है कि प्रदेश में विधानसभा चुनावों को 6 माह से भी कम का समय है। 


इस अवधि में काटोल में दो बार विधानसभा चुनाव होंगे और यह रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन होगा। राज्य सरकार पहले ही काटोल को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर चुकी है। ऐसे में 11 अप्रैल के विधानसभा चुनाव के कारण जनता का खर्च बढ़ेगा और इससे कोई फायदा नहीं होगा। याचिकाकर्ता ने काटोल में 11 अप्रैल को विधानसभा चुनाव लेने के निर्वाचन आयोग के फैसले को रद्द करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर कामकाज देख रहे हैं।

Created On :   21 March 2019 4:32 AM GMT

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