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हाईकोर्ट ने दिए 145 स्कूलों के खेल मैदान की जांच के आदेश
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा स्कूलों में खेल मैदान की सुविधा न होने का मुद्दा उठाती सू-मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। बीती सुनवाई में शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट को बताया था कि नागपुर के 145 स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है, लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत इन स्कूलों ने खेल मैदान के लिए पर्यायी व्यवस्था की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने नागपुर महानगरपालिका को प्रतिवादी बना कर नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने मनपा आयुक्त को आदेश दिए कि वे अपने सहयोगी अधिकारी-कर्मचारियों की मदद से इन 145 स्कूलों का सर्वे करें और पड़ताल करें कि वाकई इन स्कूलों ने पर्यायी खेल मैदान की व्यवस्था की है या नहीं। कोर्ट ने मनपा आयुक्त से 8 सप्ताह में शपथ-पत्र मांगा है। मामले में एड.अनिरुद्ध अतंनकृष्णन न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं।
यह है मामला
बता दें कि स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए पेयजल, शौचालय, शिकायत पेटियां, अग्निशमन यंत्र, इमारत की रूपरेखा जैसे तमाम मुद्दों का उल्लेख शिक्षा का अधिकार कानून में है। वहीं प्रदेश सरकार के 26 अक्टूबर 2012 के जीआर के मुताबिक हर स्कूल में अनिवार्य रूप से खेल का मैदान होना चाहिए। अगर स्कूल के पास मैदान योग्य जमीन न भी हो तो स्कूल को किराए पर खेल का मैदान लेने की अनुमति है। पूर्व में डॉ. नईम अख्तर, मो. आरिफ और फैजान अख्तर ने हाईकाेर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में दावा किया गया था कि राज्य में लागू आरटीई अधिनियम के तहत स्कूलों में जो सुविधाएं और व्यवस्थाएं होनी चाहिए, वे कामठी के स्कूलों में नहीं हैं। सुविधाएं न होने से बच्चों को अच्छी-खासी परेशानी होती है। कामठी नगर परिषद ने इससे सबक लेकर स्कूलों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं, लेकिन हाईकोर्ट ने सिर्फ कामठी की नहीं, बल्कि पूरे नागपुर के स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और खेल के मैदानों पर संज्ञान लिया था।
Created On :   14 Feb 2019 10:47 AM IST