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निवासी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन घटाने वाले आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न इलाकों में अनुसुचित जाति व नवबौद्ध विद्यार्थियों के लिए शुरु की गई निवासी स्कूलों के शिक्षकों के वेतन को घटाने वाले राज्य सरकार के शासनादेश पर अंतरिम रोक लगा दी है और राज्य सरकार को शासनादेश को चुनौती देनेवाली याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। इस विषय पर 24 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें मुख्य रुप से राज्य के सामाजिक न्याय विभाग की ओर से 20 सितंबर 2021 को जारी किए गए शासनादेश को चुनौती दी गई है। याचिका में दावा किया गया है कि इस शासनादेश के जरिए शिक्षकों के लिए सुधारित वेतन लागू किया गया है। जिसके तहत उनके पुराने वेतन में कटौती की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह शासनादेश जारी करने से पहले शिक्षकों को न तो कोई नोटिस दी गई है और न ही उनके पक्ष को सुना गया है। सरकार का शासनादेश मनमानीपूर्ण व अवैध है। इसलिए इसे रद्द कर दिया जाए और याचिका पर सुनवाई के दौरान इस पर अंतरिम रोक लगाई जाए।
न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। शिक्षकों की ओर से पैरवी कर अधिवक्ता प्रद्न्या तलेकर ने कहा कि सरकार ने शासनादेश जारी करने से पहले राज्य सरकार ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया है। इस मामले में न तो शिक्षकों के पक्ष को सुना गया है और न ही उन्हें कोई नोटिस दी गई है। सरकार का शासनादेश सेवा से जुड़े नियमों के खिलाफ है। वहीं राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एनके राजपुरोहित ने कहा कि उन्हें इस मामले में निर्देश लेने व जवाब देने के लिए समय दिया जाए। इस तरह खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार के शासनादेश पर अंतरिम रोक लगा दी और याचिका पर सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। याचिका के मुताबिक शिक्षकों का पहले पे स्केल 9300-34800 था। जिसे अब घटाकर 5200-20200 कर दिया गया है।
Created On :   30 Sept 2021 7:14 PM IST