सरकार से हाइकोर्ट का सवाल- मंजुषा शेट्टी को अस्पताल ले जाने में देरी क्यों ?

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
सरकार से हाइकोर्ट का सवाल- मंजुषा शेट्टी को अस्पताल ले जाने में देरी क्यों ?

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि भायखला जेल में कैदी मंजुला शेट्टी की मौत के बाद आखिरकार कैदियों ने पुलिस में मामला क्यों दर्ज कराया और शेट्टी को अस्पताल ले जाने में देर क्यों हुई ? इस प्रकरण में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत आरोप क्यों न दर्ज किया जाए? साथ ही सरकार को दो हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा है कि हलफनामे में सरकार स्पष्ट करे कि शेट्टे की मौत के बाद जेल प्रशासन ने क्या किया? यह हिरासत में मौत का मामला है।


इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि मंजुषा की मौत के 36 घंटे के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर जेल में बंद कैदियों ने दर्ज कराई है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि इस मामले के आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत भी आरोप लगाया जाना चाहिए। सरकारी वकील मान कुंवर देशमुख ने कहा कि याचिकाकर्ता यह मांग नहीं कर सकता। अभी इस मामले की जांच चल रही है। लिहाजा वे हलफनामा दायर नहीं कर सकती।

मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। इस पर न्यायमूर्ति आरएम सावंत व न्यायमूर्ति साधना जाधव की खंडपीठ ने कहा कि फिर कौन यह मांग करेगा? बाकी कैदी तो जेल के अंदर हैं। इस मामले में कैदियों ने एफआईआर दर्ज कराई है। आखिर जेल प्रशासन ने शेटे की मौत के बाद क्या किया? जब शेटे की मौत हुई तो वह जेल में बंद थी। उसे अस्पताल ले जाने में देरी क्यों हुई? खंडपीठ ने कहा कि हम जानते हैं कि मामले की जांच चल रही है।

अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है इसके बारे में हम कुछ नहीं जानना चाहते लेकिन सरकार प्रकरण को लेकर प्राथमिक जानकारी तो हमारे सामने पेश कर सकती है। याचिका में दावा किया गया है कि शेट्टी के प्राइवेट पार्ट में लाठी डाली गई थी। इसलिए मामले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत आरोप लगाए जाने चाहिए। इसके अलावा मामले की जांच सीआईडी को सौंपने की मांग की गई है।

Created On :   11 July 2017 3:02 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story