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हाईकोर्ट का सवाल सरकार से सवाल- न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढ़ाने क्या किया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि उसने न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढाने की दिशा में कौन से कदम उठाए हैं। अदालत ने सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए 28 जून तक का वक्त दिया है। हाईकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता विहार ध्रुर्वे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में न्यायिक अधिकारियों की पेंशन व न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढाने के मुद्दे को उठाया गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि सरकार न्यायिक अधिकारियों के वेतन से पेंशन की रकम नहीं काट सकती। इसलिए सरकार द्वारा 2005 के बाद न्यायिक अधिकारियों के वेतन से काटी गई पेंशन की रकम लौटाई जाए।
याचिका में कहा गया है कि अदालत के संसाधनगत सुविधाओं को मजबूत करने के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढाने का निर्देश दिया है। लिहाजा महाराष्ट्र सरकार को इस निर्देश को लागू करने का निर्देश दिया जाए।
गुरुवार को न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि सरकार न्यायिक अधिकारियों के वेतन से पेंशन की रकम नहीं काटेगी। सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर जारी किया गया शासनादेश न्यायिक अधिकारियों पर लागू नहीं किया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में 17 मई 2018 को शासनादेश जारी किया है। जिन न्यायिक अधिकारियों के पैसे काटे गए हैं, उसे वापस करने के तरीके पर विचार किया जा रहा है। जहां तक बात न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढाने की है तो उन्हें इस बारे में जरुरी जानकारी लेने के लिए वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 28 जून तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   8 Jun 2018 12:25 AM IST